Indian Railways Cancelled Trains List: कोहरे का कहर शुरू, रेलवे ने 56 ट्रेनें की रद्द, यात्रा से पहले चेक करें पूरी डिटेल

Indian Railways Cancelled Trains: उत्तर भारत में घने कोहरे के चलते रेलवे ने 56 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। जानें किन रूट्स पर पड़ा है असर, कब तक रहेगी यह रोक और रिफंड के नियम।

Indian Railways Cancelled Trains List: कोहरे का कहर शुरू, रेलवे ने 56 ट्रेनें की रद्द, यात्रा से पहले चेक करें पूरी डिटेल
रेलवे के NTES ऐप पर ट्रेन का स्टेटस चेक करता हुआ एक यात्री।

Indian Railways Cancelled Trains List: कोहरे का कहर शुरू, रेलवे ने 56 ट्रेनें की रद्द, यात्रा से पहले चेक करें पूरी डिटेल

[Image: घने कोहरे में खड़ी भारतीय रेल की ट्रेन और स्टेशन पर इंतजार करते यात्री]

उत्तर भारत में ठंड की दस्तक के साथ ही घने कोहरे (Dense Fog) ने जनजीवन और यातायात व्यवस्था पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हर साल की तरह इस बार भी सर्दियों के आगाज के साथ भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने सुरक्षा के मद्देनजर कई ट्रेनों के पहिए थाम दिए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने कोहरे की आशंका और विजिबिलिटी कम होने के कारण लगभग 56 ट्रेनों को रद्द (Cancelled) करने की घोषणा की है।

यह फैसला विशेष रूप से उत्तर रेलवे (Northern Railway) के अंबाला, दिल्ली और फिरोजपुर डिविजन से गुजरने वाली ट्रेनों पर लागू होगा। यदि आप भी आने वाले दिनों में ट्रेन से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो घर से निकलने से पहले अपनी ट्रेन का स्टेटस चेक करना बेहद जरूरी हो गया है।


1. घने कोहरे के कारण क्यों लिया गया यह फैसला?

रेलवे प्रशासन के लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उत्तर भारत, विशेषकर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के मैदानी इलाकों में दिसंबर और जनवरी के महीने में घना कोहरा छा जाता है।

  • विजिबिलिटी का संकट: कोहरे के कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) घटकर कभी-कभी शून्य तक पहुंच जाती है। ऐसे में लोको पायलट के लिए सिग्नल देखना मुश्किल हो जाता है।
  • दुर्घटनाओं से बचाव: संभावित रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे एहतियातन उन ट्रेनों को रद्द कर देता है जो पूरी तरह से आरक्षित नहीं हैं या जिन्हें कम व्यस्त माना जाता है।
  • परिचालन में देरी: कोहरे के कारण ट्रेनें कई घंटों की देरी से चलती हैं, जिससे पूरा टाइम-टेबल गड़बड़ा जाता है। इस "कस्केडिंग इफेक्ट" (Cascading Effect) से बचने के लिए भी कुछ ट्रेनों को पूरी तरह या आंशिक रूप से रद्द किया जाता है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह रद्दीकरण एक अस्थाई व्यवस्था है, जो आमतौर पर फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत तक लागू रह सकती है, जब तक कि मौसम साफ नहीं हो जाता।

2. किन रूट्स और राज्यों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

रेलवे द्वारा जारी की गई 56 ट्रेनों की सूची में सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत को जोड़ने वाली लाइनों पर देखा जा रहा है। अंबाला डिविजन (Ambala Division) से होकर गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण गाड़ियां इस लिस्ट में शामिल हैं।

मुख्य रूप से प्रभावित होने वाले रूट्स में शामिल हैं:

  • अमृतसर - नांदेड़ रूट: पंजाब से महाराष्ट्र जाने वाली कई साप्ताहिक गाड़ियों के फेरे कम किए गए हैं।
  • कालका - शिर्डी: धार्मिक पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण इस रूट पर भी कोहरे की मार पड़ी है।
  • भिवानी - कानपुर: हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली इंटरसिटी और एक्सप्रेस ट्रेनों पर भी इसका असर है।
  • श्रीगंगानगर - दिल्ली: राजस्थान और दिल्ली के बीच दैनिक यात्रियों की संख्या अधिक होने के बावजूद, सुरक्षा कारणों से कुछ फेरे रद्द किए गए हैं।
[Image: रेलवे के NTES ऐप पर ट्रेन का स्टेटस चेक करता हुआ एक यात्री]

3. रद्द ट्रेनों की जानकारी और स्टेटस कैसे चेक करें?

अगर आपने पहले से टिकट बुक कर रखा है या यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो रेलवे ने स्टेटस चेक करने के लिए कई डिजिटल सुविधाएं दी हैं। आप नीचे दिए गए तरीकों से पता कर सकते हैं कि आपकी ट्रेन 56 रद्द ट्रेनों की सूची में है या नहीं:

  • NTES ऐप या वेबसाइट: 'नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम' (NTES) पर अपनी ट्रेन का नंबर डालकर 'Spot Your Train' या 'Train Schedule' में देखें। अगर ट्रेन रद्द है, तो वहां "Cancelled" लिखा आएगा।
  • 139 हेल्पलाइन: आप रेलवे की पूछताछ सेवा 139 पर कॉल या SMS करके भी अपनी ट्रेन की स्थिति जान सकते हैं।
  • IRCTC वेबसाइट: यदि आपने ऑनलाइन टिकट बुक किया है, तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर रेलवे द्वारा कैंसिलेशन का SMS भेजा जाता है।
नोट: कई बार ट्रेनें 'पूरी तरह रद्द' (Fully Cancelled) होने के बजाय 'आंशिक रूप से रद्द' (Partially Cancelled) होती हैं, यानी वे अपनी यात्रा के कुछ स्टेशनों के बीच ही नहीं चलेंगी। इसलिए स्टेटस को ध्यान से पढ़ें।

4. रिफंड के नियम: यात्रियों को क्या जानना जरूरी है?

ट्रेन रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की सबसे बड़ी चिंता रिफंड (Refund) को लेकर होती है। भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, कोहरे या अन्य कारणों से ट्रेन रद्द होने पर यात्रियों को पूरा किराया वापस मिलता है।

रिफंड प्रक्रिया को ऐसे समझें:

  1. ऑनलाइन टिकट (E-Ticket): यदि आपने IRCTC से ऑनलाइन टिकट लिया है और ट्रेन पूरी तरह रद्द हो गई है, तो रिफंड अपने आप आपके बैंक खाते में 3 से 7 दिनों के भीतर आ जाएगा।
  2. काउंटर टिकट (PRS Ticket): यदि आपने रेलवे काउंटर से टिकट लिया है, तो आपको ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय के 72 घंटे के भीतर रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर टिकट सरेंडर करना होगा।
  3. ट्रेन लेट होने पर: कोहरे के कारण यदि ट्रेन अपने निर्धारित समय से 3 घंटे से ज्यादा लेट है और आप यात्रा नहीं करना चाहते, तो आप "TDR" फाइल करके पूरा रिफंड ले सकते हैं।

5. कोहरे से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी: फॉग सेफ्टी डिवाइस

हालांकि ट्रेनों का रद्द होना यात्रियों के लिए असुविधाजनक है, लेकिन रेलवे तकनीक के माध्यम से इस समस्या को कम करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय रेलवे ने अपने लोको पायलट्स को 'फॉग सेफ्टी डिवाइस' (Fog Safety Device) से लैस किया है।

  • यह कैसे काम करता है: यह एक GPS-आधारित उपकरण है जो लोको पायलट को आने वाले सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग और स्टेशनों के बारे में पहले ही ऑडियो-विजुअल चेतावनी दे देता है।
  • फायदा: इससे पायलट को कोहरे में अंदाजा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती और वह नियंत्रित गति (Restricted Speed) के साथ ट्रेन चला सकता है।

6. Expert Analysis: आगे क्या स्थिति बन सकती है?

मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान और पर्यावरण विशेषज्ञों के विश्लेषण पर गौर करें तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।

"उत्तर भारत में बढ़ता प्रदूषण (Pollution) और गिरता तापमान 'स्मॉग' (Smog) की एक मोटी परत बना रहा है। यह केवल कोहरा नहीं है, बल्कि प्रदूषण मिश्रित धुंध है, जो विजिबिलिटी को लंबे समय तक बाधित रखती है। ऐसे में रेलवे द्वारा 56 ट्रेनों को रद्द करना एक एहतियाती कदम है, लेकिन जनवरी के मध्य तक यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।"

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

सर्दियों का मौसम भारतीय रेलवे के लिए हमेशा एक परीक्षा की तरह होता है। 56 ट्रेनों का रद्द होना निश्चित रूप से हजारों यात्रियों की योजनाओं को प्रभावित करेगा, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह एक अनिवार्य कदम है। यात्रियों के लिए समझदारी इसी में है कि वे अपनी यात्रा से पहले NTES या 139 पर स्टेटस चेक करें और रिफंड नियमों के प्रति जागरूक रहें। आने वाले हफ्तों में कोहरे की स्थिति को देखते हुए रेलवे और भी फेरबदल कर सकता है, इसलिए अपडेटेड रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।

नीरज अहलावत | संस्थापक एवं मुख्य संपादक — Dainik Reality News Dainik Reality News में हम खबरों को केवल प्रकाशित नहीं करते, समझते हैं, विश्लेषित करते हैं, और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आपके सामने रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं—एक ज़िम्मेदारी है। इसी विचारधारा के साथ नीरज अहलावत, Dainik Reality News के संस्थापक एवं मुख्य संपादक, वर्तमान डिजिटल पत्रकारिता जगत में एक प्रखर और विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित हुए हैं। पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में 10+ वर्षों का गहन अनुभव रखते हुए उन्होंने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और सामाजिक मुद्दों पर लगातार शोध-आधारित रिपोर्टिंग की है। उनके लेख वस्तुनिष्ठता, तथ्य-आधारित विश्लेषण और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। नी‍रज का मानना है कि "खबर सिर्फ़ लिखी नहीं जाती, उसकी आत्मा समझनी होती है।" इसी सोच ने Dainik Reality News को पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा की राह पर आगे बढ़ाया। नीरज अहलावत न सिर्फ़ एक संपादक हैं, बल्कि Digital Strategy, SEO एवं Web Media Growth के विशेषज्ञ भी हैं। आधुनिक तकनीक, एल्गोरिथ्म और यूज़र व्यवहार की गहराई को समझते हुए वे न्यूज़ इकोसिस्टम को नए युग की पत्रकारिता के साथ जोड़ते हैं — ताकि ज़रूरी मुद्दे केवल लिखे ना जाएँ, लोगों तक पहुँचें भी। प्रमुख कार्यक्षेत्र एवं विशेषज्ञता ✔ राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण ✔ डिजिटल पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग ✔ मीडिया रणनीति, SEO और कंटेंट विस्तार ✔ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समसामयिक विषय ✔ तथ्यात्मक अनुसंधान एवं निष्पक्ष लेखन Articles by Author

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Indian Railways Cancelled Trains: उत्तर भारत में घने कोहरे के चलते रेलवे ने 56 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। जानें किन रूट्स पर पड़ा है असर, कब तक रहेगी यह रोक और रिफंड के नियम।

Indian Railways Cancelled Trains List: कोहरे का कहर शुरू, रेलवे ने 56 ट्रेनें की रद्द, यात्रा से पहले चेक करें पूरी डिटेल
रेलवे के NTES ऐप पर ट्रेन का स्टेटस चेक करता हुआ एक यात्री।

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[Image: घने कोहरे में खड़ी भारतीय रेल की ट्रेन और स्टेशन पर इंतजार करते यात्री]

उत्तर भारत में ठंड की दस्तक के साथ ही घने कोहरे (Dense Fog) ने जनजीवन और यातायात व्यवस्था पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हर साल की तरह इस बार भी सर्दियों के आगाज के साथ भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने सुरक्षा के मद्देनजर कई ट्रेनों के पहिए थाम दिए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने कोहरे की आशंका और विजिबिलिटी कम होने के कारण लगभग 56 ट्रेनों को रद्द (Cancelled) करने की घोषणा की है।

यह फैसला विशेष रूप से उत्तर रेलवे (Northern Railway) के अंबाला, दिल्ली और फिरोजपुर डिविजन से गुजरने वाली ट्रेनों पर लागू होगा। यदि आप भी आने वाले दिनों में ट्रेन से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो घर से निकलने से पहले अपनी ट्रेन का स्टेटस चेक करना बेहद जरूरी हो गया है।


1. घने कोहरे के कारण क्यों लिया गया यह फैसला?

रेलवे प्रशासन के लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उत्तर भारत, विशेषकर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के मैदानी इलाकों में दिसंबर और जनवरी के महीने में घना कोहरा छा जाता है।

  • विजिबिलिटी का संकट: कोहरे के कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) घटकर कभी-कभी शून्य तक पहुंच जाती है। ऐसे में लोको पायलट के लिए सिग्नल देखना मुश्किल हो जाता है।
  • दुर्घटनाओं से बचाव: संभावित रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे एहतियातन उन ट्रेनों को रद्द कर देता है जो पूरी तरह से आरक्षित नहीं हैं या जिन्हें कम व्यस्त माना जाता है।
  • परिचालन में देरी: कोहरे के कारण ट्रेनें कई घंटों की देरी से चलती हैं, जिससे पूरा टाइम-टेबल गड़बड़ा जाता है। इस "कस्केडिंग इफेक्ट" (Cascading Effect) से बचने के लिए भी कुछ ट्रेनों को पूरी तरह या आंशिक रूप से रद्द किया जाता है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह रद्दीकरण एक अस्थाई व्यवस्था है, जो आमतौर पर फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत तक लागू रह सकती है, जब तक कि मौसम साफ नहीं हो जाता।

2. किन रूट्स और राज्यों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

रेलवे द्वारा जारी की गई 56 ट्रेनों की सूची में सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत को जोड़ने वाली लाइनों पर देखा जा रहा है। अंबाला डिविजन (Ambala Division) से होकर गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण गाड़ियां इस लिस्ट में शामिल हैं।

मुख्य रूप से प्रभावित होने वाले रूट्स में शामिल हैं:

  • अमृतसर - नांदेड़ रूट: पंजाब से महाराष्ट्र जाने वाली कई साप्ताहिक गाड़ियों के फेरे कम किए गए हैं।
  • कालका - शिर्डी: धार्मिक पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण इस रूट पर भी कोहरे की मार पड़ी है।
  • भिवानी - कानपुर: हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली इंटरसिटी और एक्सप्रेस ट्रेनों पर भी इसका असर है।
  • श्रीगंगानगर - दिल्ली: राजस्थान और दिल्ली के बीच दैनिक यात्रियों की संख्या अधिक होने के बावजूद, सुरक्षा कारणों से कुछ फेरे रद्द किए गए हैं।
[Image: रेलवे के NTES ऐप पर ट्रेन का स्टेटस चेक करता हुआ एक यात्री]

3. रद्द ट्रेनों की जानकारी और स्टेटस कैसे चेक करें?

अगर आपने पहले से टिकट बुक कर रखा है या यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो रेलवे ने स्टेटस चेक करने के लिए कई डिजिटल सुविधाएं दी हैं। आप नीचे दिए गए तरीकों से पता कर सकते हैं कि आपकी ट्रेन 56 रद्द ट्रेनों की सूची में है या नहीं:

  • NTES ऐप या वेबसाइट: 'नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम' (NTES) पर अपनी ट्रेन का नंबर डालकर 'Spot Your Train' या 'Train Schedule' में देखें। अगर ट्रेन रद्द है, तो वहां "Cancelled" लिखा आएगा।
  • 139 हेल्पलाइन: आप रेलवे की पूछताछ सेवा 139 पर कॉल या SMS करके भी अपनी ट्रेन की स्थिति जान सकते हैं।
  • IRCTC वेबसाइट: यदि आपने ऑनलाइन टिकट बुक किया है, तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर रेलवे द्वारा कैंसिलेशन का SMS भेजा जाता है।
नोट: कई बार ट्रेनें 'पूरी तरह रद्द' (Fully Cancelled) होने के बजाय 'आंशिक रूप से रद्द' (Partially Cancelled) होती हैं, यानी वे अपनी यात्रा के कुछ स्टेशनों के बीच ही नहीं चलेंगी। इसलिए स्टेटस को ध्यान से पढ़ें।

4. रिफंड के नियम: यात्रियों को क्या जानना जरूरी है?

ट्रेन रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की सबसे बड़ी चिंता रिफंड (Refund) को लेकर होती है। भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, कोहरे या अन्य कारणों से ट्रेन रद्द होने पर यात्रियों को पूरा किराया वापस मिलता है।

रिफंड प्रक्रिया को ऐसे समझें:

  1. ऑनलाइन टिकट (E-Ticket): यदि आपने IRCTC से ऑनलाइन टिकट लिया है और ट्रेन पूरी तरह रद्द हो गई है, तो रिफंड अपने आप आपके बैंक खाते में 3 से 7 दिनों के भीतर आ जाएगा।
  2. काउंटर टिकट (PRS Ticket): यदि आपने रेलवे काउंटर से टिकट लिया है, तो आपको ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय के 72 घंटे के भीतर रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर टिकट सरेंडर करना होगा।
  3. ट्रेन लेट होने पर: कोहरे के कारण यदि ट्रेन अपने निर्धारित समय से 3 घंटे से ज्यादा लेट है और आप यात्रा नहीं करना चाहते, तो आप "TDR" फाइल करके पूरा रिफंड ले सकते हैं।

5. कोहरे से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी: फॉग सेफ्टी डिवाइस

हालांकि ट्रेनों का रद्द होना यात्रियों के लिए असुविधाजनक है, लेकिन रेलवे तकनीक के माध्यम से इस समस्या को कम करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय रेलवे ने अपने लोको पायलट्स को 'फॉग सेफ्टी डिवाइस' (Fog Safety Device) से लैस किया है।

  • यह कैसे काम करता है: यह एक GPS-आधारित उपकरण है जो लोको पायलट को आने वाले सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग और स्टेशनों के बारे में पहले ही ऑडियो-विजुअल चेतावनी दे देता है।
  • फायदा: इससे पायलट को कोहरे में अंदाजा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती और वह नियंत्रित गति (Restricted Speed) के साथ ट्रेन चला सकता है।

6. Expert Analysis: आगे क्या स्थिति बन सकती है?

मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान और पर्यावरण विशेषज्ञों के विश्लेषण पर गौर करें तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।

"उत्तर भारत में बढ़ता प्रदूषण (Pollution) और गिरता तापमान 'स्मॉग' (Smog) की एक मोटी परत बना रहा है। यह केवल कोहरा नहीं है, बल्कि प्रदूषण मिश्रित धुंध है, जो विजिबिलिटी को लंबे समय तक बाधित रखती है। ऐसे में रेलवे द्वारा 56 ट्रेनों को रद्द करना एक एहतियाती कदम है, लेकिन जनवरी के मध्य तक यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।"

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

सर्दियों का मौसम भारतीय रेलवे के लिए हमेशा एक परीक्षा की तरह होता है। 56 ट्रेनों का रद्द होना निश्चित रूप से हजारों यात्रियों की योजनाओं को प्रभावित करेगा, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह एक अनिवार्य कदम है। यात्रियों के लिए समझदारी इसी में है कि वे अपनी यात्रा से पहले NTES या 139 पर स्टेटस चेक करें और रिफंड नियमों के प्रति जागरूक रहें। आने वाले हफ्तों में कोहरे की स्थिति को देखते हुए रेलवे और भी फेरबदल कर सकता है, इसलिए अपडेटेड रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।

नीरज अहलावत | संस्थापक एवं मुख्य संपादक — Dainik Reality News Dainik Reality News में हम खबरों को केवल प्रकाशित नहीं करते, समझते हैं, विश्लेषित करते हैं, और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आपके सामने रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं—एक ज़िम्मेदारी है। इसी विचारधारा के साथ नीरज अहलावत, Dainik Reality News के संस्थापक एवं मुख्य संपादक, वर्तमान डिजिटल पत्रकारिता जगत में एक प्रखर और विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित हुए हैं। पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में 10+ वर्षों का गहन अनुभव रखते हुए उन्होंने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और सामाजिक मुद्दों पर लगातार शोध-आधारित रिपोर्टिंग की है। उनके लेख वस्तुनिष्ठता, तथ्य-आधारित विश्लेषण और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। नी‍रज का मानना है कि "खबर सिर्फ़ लिखी नहीं जाती, उसकी आत्मा समझनी होती है।" इसी सोच ने Dainik Reality News को पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा की राह पर आगे बढ़ाया। नीरज अहलावत न सिर्फ़ एक संपादक हैं, बल्कि Digital Strategy, SEO एवं Web Media Growth के विशेषज्ञ भी हैं। आधुनिक तकनीक, एल्गोरिथ्म और यूज़र व्यवहार की गहराई को समझते हुए वे न्यूज़ इकोसिस्टम को नए युग की पत्रकारिता के साथ जोड़ते हैं — ताकि ज़रूरी मुद्दे केवल लिखे ना जाएँ, लोगों तक पहुँचें भी। प्रमुख कार्यक्षेत्र एवं विशेषज्ञता ✔ राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण ✔ डिजिटल पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग ✔ मीडिया रणनीति, SEO और कंटेंट विस्तार ✔ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समसामयिक विषय ✔ तथ्यात्मक अनुसंधान एवं निष्पक्ष लेखन Articles by Author
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