Panipat News: कुत्ते ने दुकानदार को काटा, फिर हुई रहस्यमयी मौत, जानिए पूरा मामला
Panipat News: पानीपत में सामने आया अजीबोगरीब मामला। एक कुत्ते ने दुकानदार ललित बजाज को काटा और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। जानें क्या है इस रहस्यमयी घटना का पूरा सच और प्रशासन से क्या है मांग।
दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Publish Date: 27 Aug 2025
Panipat News: पानीपत में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। आपने अक्सर सुना होगा कि अगर कुत्ता किसी व्यक्ति को काट ले और रैबीज का टीका न लगाया जाए, तो उसकी जान तक जा सकती है। लेकिन पानीपत में एक उलटा और बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक कुत्ते ने एक दुकानदार को काटा और उसके कुछ ही देर बाद उस कुत्ते की ही मौत हो गई। इस रहस्यमयी घटना ने न सिर्फ काटे गए दुकानदार को दहशत में डाल दिया है, बल्कि पूरे बाजार और शहर के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर यह कैसे हुआ। यह मामला पानीपत की गलियों में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को भी उजागर करता है।
पानीपत में अजीबोगरीब घटना: दुकानदार को काटने के बाद कुत्ते की रहस्यमयी मौत
यह पूरा मामला पानीपत जिले के महावीर बाजार का है, प्रेम मंदिर के पास जहां ललित बजाज नाम के एक दुकानदार की किराना होलसेल की दुकान है। ललित बजाज ने बताया कि वह अपनी दुकान के बाहर से बाइक पर जा रहे थे, तभी दो कुत्ते आपस में लड़ रहे थे। ये कुत्ते अक्सर दुकान पर आने वाले ग्राहकों को काटने का प्रयास करते थे, और ललित बजाज स्वयं भी हर रोज उन्हें हटाने का प्रयास करते रहते थे। इसी दौरान, एक कुत्ते ने उन्हें काट लिया। जो बात सभी को हैरान कर रही है, वह यह है कि दुकानदार को काटने के कुछ समय बाद ही उस कुत्ते की मौत हो गई। आसपास के दुकानदारों ने ललित बजाज को इस बारे में जानकारी दी, जिससे वह और भी ज्यादा चिंतित हो गए हैं। यह हैरान कर देने वाला मामला अब शहर भर में चर्चा का विषय बन गया है।
दुकानदार ललित बजाज की दहशत और सिविल अस्पताल में इलाज
कुत्ते के अचानक मर जाने की खबर सुनकर दुकानदार ललित बजाज गहरी चिंता और दहशत में आ गए। उन्हें यह सोचकर डर लग रहा है कि आखिर उन्हें काटने के बाद कुत्ता अचानक कैसे मर गया। इस अनहोनी की आशंका के चलते, वह तुरंत जनसेवा दल के पदाधिकारी के साथ शहर के सिविल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें रैबीज का इंजेक्शन दिया, जो कुत्ते के काटने के बाद अनिवार्य होता है। चूंकि कुत्ता मर चुका था, डॉक्टरों ने उन्हें एक दूसरा हीमोग्लोबिन का इंजेक्शन भी लगवाया, जिसे लगवाना बहुत जरूरी बताया गया। ललित बजाज ने बताया कि उन्हें इंजेक्शन तो लग गए हैं, लेकिन यह घटना उनके लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन गई है। वे अब भी टेंशन में हैं कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए।
आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक और प्रशासन की चुनौतियां
पानीपत का यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की चिंता नहीं, बल्कि शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या का भी एक बड़ा उदाहरण है। जनसेवा दल के पदाधिकारी चमन गुलाटी ने बताया कि प्रदेश के हर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बेहद अधिक हो गई है। सिविल अस्पताल के अंदर रोजाना कम से कम 50 से 100 ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें लोगों को कुत्तों ने काटा है। ये कुत्ते बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपना निशाना बना रहे हैं और उनके आतंक से लोग परेशान हैं। दुकानदार ललित बजाज ने भी बताया कि उनकी गली में कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा है और उन्हें हर रोज ग्राहकों को बचाने के लिए कुत्तों को भगाना पड़ता है। यह समस्या अब इतनी विकराल रूप ले चुकी है कि लोगों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जनसेवा दल की अपील और नसबंदी अभियान पर सवाल
आवारा कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए, प्रशासन से लगातार समाधान की मांग की जा रही है। दुकानदार और जनसेवा दल के पदाधिकारी चमन गुलाटी ने प्रशासन से प्रार्थना की है कि इस समस्या का समाधान किया जाए। उनकी मांग है कि या तो इन कुत्तों की नसबंदी की जाए या इन्हें पकड़ा जाए ताकि इनकी संख्या और न बढ़ सके। चमन गुलाटी ने बताया कि निगम की ओर से आवारा कुत्तों की नसबंदी का अभियान शुरू किया गया था, लेकिन वह अभियान धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकारी प्रयास शायद उतने प्रभावी नहीं हैं जितनी आवश्यकता है, और इसी कारण आवारा कुत्तों की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सिविल अस्पताल में दूसरा हीमोग्लोबिन का इंजेक्शन हमेशा उपलब्ध नहीं होता, खासकर ओपीडी के समय के बाद, जिससे आपातकालीन स्थिति में मरीजों को परेशानी होती है।
रहस्यमयी मौत की जांच का विषय और लोगों की चिंता
यह मामला इसलिए भी अनूठा और चिंताजनक है क्योंकि युवक को काटने के बाद कुत्ते की मौत हो गई। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुत्ते की मौत किस कारण से हुई। ललित बजाज को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह घटना फिलहाल जांच का विषय बनी हुई है। आमतौर पर कुत्तों के काटने से लोगों को रैबीज का डर होता है, लेकिन यहां कुत्ता ही मर गया, जिससे एक नई तरह की दहशत पैदा हो गई है। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या कुत्ते में कोई ऐसी बीमारी थी जो उसके मरने का कारण बनी, और क्या उस बीमारी का कोई प्रभाव काटे गए व्यक्ति पर पड़ सकता है। इस घटना ने पानीपत के लोगों में एक अजीबोगरीब डर और सवाल पैदा कर दिए हैं, जिसका जवाब मिलना बाकी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं के पीछे के कारणों को समझा जा सके और जनता की चिंताओं को दूर किया जा सके।
भविष्य की कार्रवाई और जनता की मांगें
पानीपत से सामने आया यह पूरा मामला न केवल एक दुकानदार की व्यक्तिगत परेशानी है बल्कि यह पूरे शहर की एक बड़ी समस्या को भी उजागर करता है। प्रशासन से यह अपील की जा रही है कि वे आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लें। नसबंदी अभियानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और जिन क्षेत्रों में कुत्तों की संख्या अधिक है, वहां विशेष अभियान चलाए जाएं। इसके साथ ही, डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों को इस रहस्यमयी मौत के कारणों की वैज्ञानिक जांच करनी चाहिए ताकि किसी भी संभावित खतरे को समझा जा सके। जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
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पानीपत में हुई यह अजीब घटना क्या है? पानीपत के महावीर बाजार में एक कुत्ते ने दुकानदार ललित बजाज को काटा और उसके कुछ ही देर बाद उस कुत्ते की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। इस घटना ने दुकानदार और शहर के लोगों को हैरान कर दिया है।
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दुकानदार ललित बजाज को कौन से इंजेक्शन लगाए गए? दुकानदार ललित बजाज को सिविल अस्पताल में पहले रैबीज का इंजेक्शन और फिर कुत्ते की मौत के कारण हीमोग्लोबिन का दूसरा इंजेक्शन लगाया गया।
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कुत्ते की मौत का कारण क्या है? फिलहाल कुत्ते की मौत का कारण अज्ञात है और यह घटना अभी जांच का विषय बनी हुई है। दुकानदार और अन्य लोग भी इस रहस्य को लेकर चिंतित हैं।
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पानीपत में आवारा कुत्तों की समस्या कितनी गंभीर है? सिविल अस्पताल में रोज 50 से 100 मामले कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। जनसेवा दल के पदाधिकारी के अनुसार, हर गली में 10-15 कुत्ते हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
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प्रशासन से क्या मांग की जा रही है? दुकानदारों और जनसेवा दल ने प्रशासन से आवारा कुत्तों की नसबंदी करने या उन्हें पकड़ने का इंतजाम करने की मांग की है, ताकि उनकी बढ़ती संख्या को नियंत्रित किया जा सके।