Ankit Narwal Biography: रजत दलाल से क्यों भिड़े अंकित नरवाल? जानें सोनीपत के कथूरा गांव से समाज सेवा तक की पूरी कहानी
Ankit Narwal Biography: रजत दलाल और अंकित नरवाल के बीच विवाद का असली सच क्या है? जानें सोनीपत के कथूरा गांव के इस बाहुबली और समाजसेवी की पूरी कहानी और वायरल वीडियो का सच।
Ankit Narwal Biography: रजत दलाल से क्यों भिड़े अंकित नरवाल? जानें सोनीपत के कथूरा गांव से समाज सेवा तक की पूरी कहानी
हरियाणा के डिजिटल और सामाजिक परिदृश्य में अक्सर वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिलती है, लेकिन हाल ही में फिटनेस इन्फ्लुएंसर रजत दलाल (Rajat Dalal) और सोनीपत के अंकित नरवाल (Ankit Narwal) के बीच हुए विवाद ने पूरे सोशल मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
यह मामला सिर्फ दो व्यक्तियों की आपसी बहस नहीं था, बल्कि इसमें 'कमजोर की रक्षा', 'जाट समाज के मूल्य' और 'न्याय' जैसे बड़े मुद्दे शामिल हो गए। एक तरफ रजत दलाल थे, जिन पर एक 18 साल के लड़के को धमकाने का आरोप लगा, और दूसरी तरफ अंकित नरवाल, जिन्होंने साफ कहा कि "जाट समाज गलत बात का साथ कभी नहीं देता।"
आखिर कौन हैं अंकित नरवाल? क्यों उन्होंने रजत दलाल को खुली चेतावनी दी? और 'गैंगस्टर' वाली छवि से निकलकर वे समाज सेवा की राह पर कैसे आए? पढ़ें इस विशेष रिपोर्ट में।
1. विवाद की जड़: 18 साल के लड़के का मामला
इस हाई-प्रोफाइल विवाद की शुरुआत एक वायरल वाकये से हुई। सोशल मीडिया रिपोर्ट्स और वायरल वीडियो के मुताबिक, रजत दलाल का एक 18 साल के लड़के के साथ विवाद हुआ था। आरोप था कि रजत दलाल ने अपनी पावर और रसूख का इस्तेमाल करते हुए उस लड़के के साथ मारपीट की और उसे डराया-धमकाया।
सोशल मीडिया पर जब यह बात सामने आई, तो लोगों में काफी रोष था। आम तौर पर लोग बड़े इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ बोलने से बचते हैं, लेकिन यहीं पर अंकित नरवाल की एंट्री हुई। अंकित ने इस घटना को 'कायरता' करार दिया और पीड़ित लड़के के समर्थन में खुलकर सामने आए।
2. Ankit Narwal vs Rajat Dalal: जब दी गई सीधी चेतावनी
अंकित नरवाल ने सोशल मीडिया के जरिए रजत दलाल को कड़े शब्दों में संदेश दिया। इस बहस और चेतावनी ने इंटरनेट पर खलबली मचा दी। अंकित का स्टैंड बिल्कुल साफ था—ताकत का इस्तेमाल कमजोर को दबाने के लिए नहीं, बल्कि उसे उठाने के लिए होना चाहिए।
अंकित नरवाल ने क्या कहा?
- गलत का विरोध: अंकित ने कहा कि एक 18 साल के बच्चे को डराकर कोई बड़ा नहीं बन जाता। उन्होंने रजत दलाल को अपनी हद में रहने की नसीहत दी।
- समाज का हवाला: उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका समाज (जाट समाज) कभी भी अन्याय का साथ नहीं देता। अगर कोई उनके समाज का व्यक्ति भी गलत करेगा, तो उसका समर्थन नहीं किया जाएगा।
- खुली चुनौती: अंकित ने रजत दलाल को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में कमजोरों पर ऐसा रौब झाड़ा गया, तो उसका जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा जिसे वे समझते हैं।
3. कौन हैं अंकित नरवाल? (Ankit Narwal Biography)
विवादों के बीच बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर अंकित नरवाल कौन हैं, जिनकी एक चेतावनी ने मामले का रुख मोड़ दिया।
| पूरा नाम | अंकित नरवाल (Ankit Narwal) |
|---|---|
| गृह नगर | गांव कथूरा (Kathura), सोनीपत |
| हल्का | बड़ौदा (Baroda), हरियाणा |
| पहचान | समाजसेवी, पूर्व दबंग छवि (Strongman) |
| प्रसिद्धि का कारण | सामाजिक कार्य, बेबाक बयानबाजी |
अंकित नरवाल हरियाणा के सोनीपत जिले के प्रसिद्ध कथूरा गांव के रहने वाले हैं। यह गांव बड़ौदा हल्का में आता है और अपने पहलवानों व फौजियों के लिए मशहूर है। स्थानीय स्तर पर अंकित की पैठ बहुत गहरी है और युवाओं में उनका काफी क्रेज है।
4. अतीत के पन्ने: 'गैंगस्टर' छवि से समाज सेवा तक का सफर
अंकित नरवाल की जिंदगी के दो पहलू हैं। अगर आप गूगल पर सर्च करेंगे, तो आपको उनके अतीत से जुड़ी कई ऐसी खबरें मिल सकती हैं जो उन्हें 'गैंगस्टर' या 'बाहुबली' की श्रेणी में रखती हैं।
संघर्ष और बदलाव
शुरुआती दौर में, कई हरियाणवी युवाओं की तरह अंकित का नाम भी कुछ लड़ाई-झगड़ों और पुलिस केसों में आया। इसे उनका 'एग्रेसिव दौर' कहा जा सकता है। लेकिन, समय के साथ अंकित नरवाल ने एक बड़ा यू-टर्न लिया।
उन्होंने हिंसा के रास्ते को छोड़कर समाज सेवा (Social Service) का रास्ता चुना। आज वे:
- गौ सेवा: गौशालाओं में सहयोग और बेसहारा पशुओं की मदद करते हैं।
- गरीब कन्याओं की शादी: आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करना।
- युवा प्रेरणा: गांव के युवाओं को नशे से दूर रहने और स्पोर्ट्स (कुश्ती/कबड्डी) की तरफ जाने के लिए प्रेरित करते हैं।
5. समाज और भाईचारा: अंकित नरवाल का स्टैंड
रजत दलाल के साथ हुए विवाद में अंकित नरवाल ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया, उसकी तारीफ कई वरिष्ठ लोगों ने भी की। उन्होंने यह साबित किया कि 'भाईचारा' का मतलब यह नहीं है कि आप अपने लोगों की गलतियों पर पर्दा डालें।
अंकित का यह कदम बताता है कि असली ताकत शरीर में नहीं, बल्कि चरित्र में होती है। जब 18 साल का लड़का अकेला पड़ गया था, तब अंकित नरवाल उसके लिए ढाल बनकर खड़े हुए। उन्होंने रजत दलाल को यह एहसास दिलाया कि हरियाणा में कानून और समाज का डर अभी भी जिंदा है।
6. निष्कर्ष: आगे की राह
अंकित नरवाल और रजत दलाल का विवाद अब शांत हो चुका है, लेकिन इसने एक बड़ा संदेश छोड़ा है। अंकित नरवाल ने यह साफ कर दिया है कि वे अब अपनी पुरानी छवि से बाहर निकलकर एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका में हैं।
सोनीपत के कथूरा गांव का यह लड़का आज अपने अच्छे कामों और निडर फैसलों की वजह से चर्चा में है। यह घटना उन सभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए भी एक सबक है जो फॉलोअर्स की आड़ में मनमानी करना चाहते हैं।