Tata Motors CNG Hybrid Plans: 4 मीटर से बड़ी गाड़ियों में मिलेगा सीएनजी और हाइब्रिड का विकल्प, कंपनी ने बनाई नई रणनीति
Tata Motors CNG Hybrid Plans: टाटा मोटर्स अब 4 मीटर से बड़ी गाड़ियों में भी सीएनजी और हाइब्रिड विकल्प पर विचार कर रही है। जानें क्या है कंपनी का नया गेम प्लान, Curvv और Harrier को लेकर क्या है अपडेट।
Tata Motors CNG Hybrid Plans: 4 मीटर से बड़ी गाड़ियों में मिलेगा सीएनजी और हाइब्रिड का विकल्प, कंपनी ने बनाई नई रणनीति
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के बादशाह माने जाने वाले टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव करने का संकेत दिया है। कंपनी अब तक केवल 4 मीटर से छोटी गाड़ियों (जैसे Tiago, Punch, Nexon) में ही सीएनजी (CNG) का विकल्प देती थी, लेकिन अब 4 मीटर से बड़ी गाड़ियों में भी सीएनजी और हाइब्रिड (Hybrid) इंजन लाने की तैयारी चल रही है।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा (Shailesh Chandra) ने हाल ही में पुष्टि की है कि कंपनी 4 मीटर से बड़े वाहनों के सेगमेंट में सीएनजी और हाइब्रिड विकल्पों का "सक्रिय मूल्यांकन" (Actively Evaluating) कर रही है। यह फैसला सीधे तौर पर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और ग्राहकों की बदलती मांग को देखते हुए लिया गया है।
1. क्यों बदल रही है टाटा की रणनीति?
टाटा मोटर्स अब तक 'EV First' की रणनीति पर चल रही थी, लेकिन बाजार के बदलते समीकरणों ने कंपनी को हाइब्रिड और सीएनजी पर दोबारा सोचने पर मजबूर किया है।
- ग्राहकों की मांग: बड़ी एसयूवी (SUV) खरीदने वाले ग्राहक अब डीजल के बजाय कम खर्च वाले विकल्पों की तलाश में हैं।
- डीजल पर सख्ती: सरकार द्वारा डीजल वाहनों पर कड़े उत्सर्जन मानकों (Emission Norms) के कारण भविष्य में डीजल इंजन का उत्पादन महंगा और मुश्किल हो सकता है।
- प्रतिद्वंद्वियों का असर: मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) और टोयोटा (Toyota) ने अपनी हाइब्रिड कारों (जैसे Grand Vitara और Hyryder) के जरिए बाजार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। टाटा इस स्पेस को खाली नहीं छोड़ना चाहती।
शैलेश चंद्रा ने स्पष्ट किया कि कंपनी "बाजार की प्रतिस्पर्धा" को देखते हुए हाइब्रिड तकनीक पर विचार कर रही है।
2. किन गाड़ियों में मिल सकता है CNG और Hybrid का विकल्प?
टाटा मोटर्स के पोर्टफोलियो में 4 मीटर से बड़ी गाड़ियां मुख्य रूप से एसयूवी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का फोकस 4.3 मीटर सेगमेंट पर सबसे ज्यादा है।
- Tata Curvv: यह कूपे-स्टाइल एसयूवी (Coupe SUV) सबसे पहली दावेदार मानी जा रही है। इसमें नेक्सन वाला 1.2L टर्बो पेट्रोल इंजन है, जो सीएनजी किट के साथ आसानी से फिट हो सकता है।
- Tata Sierra: 2025 के अंत तक लॉन्च होने वाली नई Sierra में भी यह विकल्प देखने को मिल सकता है।
- Harrier और Safari: हालांकि ये गाड़ियां बड़ी हैं और डीजल इंजन के साथ आती हैं, लेकिन शैलेश चंद्रा के बयान से संकेत मिलता है कि अगर मांग रही, तो भविष्य में इनमें भी हाइब्रिड या पेट्रोल-सीएनजी का विकल्प आ सकता है।
3. टैक्स का गणित: 4 मीटर का नियम क्या कहता है?
पाठकों के लिए यह समझना जरूरी है कि कार की लंबाई का कीमत पर क्या असर होता है।
- 4 मीटर से छोटी कारें: भारत में 4 मीटर से छोटी और 1200cc से कम इंजन वाली पेट्रोल/सीएनजी कारों पर कम टैक्स (GST + Cess) लगता है। इसीलिए टाटा अब तक Tiago और Nexon जैसी कारों में सीएनजी दे रही थी।
- 4 मीटर से बड़ी कारें: इन पर 'लग्जरी' या हायर टैक्स स्लैब लगता है। यानी बड़ी कार में सीएनजी लगाने से कंपनी को कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता।
इसके बावजूद, टाटा यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि ग्राहक अब 'कार की कीमत' से ज्यादा 'रनिंग कॉस्ट' (Running Cost) यानी प्रति किलोमीटर खर्च को कम करना चाहते हैं।
4. Hybrid पर टाटा का यू-टर्न: 'Reactive' एप्रोच
टाटा मोटर्स लंबे समय से हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का विरोध करती रही है और उसका मानना था कि भविष्य सिर्फ इलेक्ट्रिक (EV) का है। लेकिन शैलेश चंद्रा का ताजा बयान एक शिफ्ट की ओर इशारा करता है।
उन्होंने कहा, "हम इलेक्ट्रिफिकेशन पर प्रोएक्टिव (Proactive) रहेंगे, लेकिन हाइब्रिड पर रिएक्टिव (Reactive)।"
इसका मतलब है कि टाटा हाइब्रिड कारें तभी लॉन्च करेगी जब उसे लगेगा कि बाजार में टिके रहने के लिए यह जरूरी है। चूंकि Maruti Grand Vitara और Toyota Hyryder की हाइब्रिड बिक्री लगातार बढ़ रही है, टाटा अब इस तकनीक को नकार नहीं सकती।
5. प्रतिद्वंद्वियों के लिए खतरे की घंटी
टाटा मोटर्स की यह घोषणा मारुति सुजुकी, हुंडई और टोयोटा के लिए सीधी चुनौती है।
| फीचर | Tata Motors | Rivals (Maruti/Toyota) |
|---|---|---|
| बूट स्पेस | Twin-Cylinder Tech (पूरा बूट स्पेस मिलता है) | सिलेंडर की वजह से स्पेस कम हो जाता है |
| इंजन | Turbo CNG (ज्यादा पावर) | Naturally Aspirated (कम पावर) |
| सेफ्टी | 5-Star Global NCAP रेटिंग | रेटिंग अलग-अलग मॉडल्स पर निर्भर |
अगर टाटा अपनी Twin-Cylinder CNG तकनीक को Curvv या Harrier जैसी बड़ी गाड़ियों में सफलतापूर्वक ले आती है, तो यह उन ग्राहकों के लिए गेम-चेंजर होगा जो माइलेज के लिए सेफ्टी या बूट स्पेस से समझौता नहीं करना चाहते।
6. एक्सपर्ट राय: आगे क्या होगा?
ऑटो इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि 2027 में लागू होने वाले CAFE-3 (Corporate Average Fuel Economy) नियमों को पूरा करने के लिए टाटा को अपने बेड़े में हाइब्रिड या सीएनजी की हिस्सेदारी बढ़ानी ही होगी।
सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के भरोसे ये लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, आने वाले 12 से 18 महीनों में हम टाटा के शोरूम में बड़ी सीएनजी एसयूवी देख सकते हैं।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
टाटा मोटर्स का 4 मीटर से बड़ी गाड़ियों में सीएनजी और हाइब्रिड विकल्प तलाशना यह साबित करता है कि भारतीय बाजार में 'किफायती ड्राइविंग' (Affordable Mobility) अभी भी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जहां एक तरफ कंपनी EV क्रांति का नेतृत्व कर रही है, वहीं दूसरी तरफ वह पेट्रोल-डीजल के विकल्पों को भी खुला रख रही है。
भविष्य की झलक: अगर आप एक बड़ी फैमिली कार खरीदने की योजना बना रहे हैं और पेट्रोल का खर्च आपको डरा रहा है, तो थोड़ा इंतजार करना समझदारी हो सकती है। टाटा की आने वाली Curvv CNG या हाइब्रिड मॉडल आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं。