Delhi NCR Floods: दिल्ली में बाढ़ से हाहाकार, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, जनजीवन बेहाल

Delhi NCR Floods: दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ से बिगड़े हालात, यमुना का जलस्तर खतरे के ऊपर, जानें लेटेस्ट अपडेट्स और बचाव कार्य की जानकारी।

Delhi NCR Floods: दिल्ली में बाढ़ से हाहाकार, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, जनजीवन बेहाल
दिल्ली एनसीआर बाढ़: यमुना का बढ़ता जलस्तर, जलमग्न सड़कें और बचाव कार्य

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 05 Sep 2025

दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। राजधानी में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। हर तरफ पानी ही पानी है, सड़कें दरिया बन चुकी हैं और लाखों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। यह रिपोर्ट आपको दिल्ली-एनसीआर के ताजा हालात, बचाव कार्यों और आगे की संभावित चुनौतियों से अवगत कराएगी, ताकि आप और आपके परिवार सुरक्षित रह सकें। स्थिति बेहद चिंताजनक है और सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

दिल्ली-एनसीआर इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में है, जहां यमुना नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी का जलस्तर 207 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुका है, और हाल ही में यह 207.35 मीटर तक दर्ज किया गया था। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 4 सितंबर की सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर था, जिसमें रात 8 बजे मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 207.42 मीटर पर पहुंच गया। 5 सितंबर को इसके 207.30 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि, यह गिरावट मामूली है और जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से काफी ऊपर है, जिससे दिल्ली वालों पर बाढ़ का खतरा बरकरार है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, और यही दिल्ली में चिंता का मुख्य कारण है। निचले इलाकों में हालात सबसे खराब हैं, जहां मजनू का टीला, यमुना बाजार और निगम बोध घाट जैसे क्षेत्रों में हजारों लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। यमुना बाजार का इलाका पूरी तरह से डूब चुका है, जहां घर, दुकानें और यहां तक कि प्राचीन मंदिर भी पानी में समा गए हैं। प्राचीन नीली छतरी मंदिर में करीब 10 फीट तक पानी भर गया है, और गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग भी पूरी तरह से यमुना की चपेट में है। पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर थाना इलाके के गढ़ी गांव में भी 6 फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोग अपना कीमती सामान बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर पानी में उतरने को मजबूर हैं। सिविल लाइंस और कश्मीरी गेट इलाकों में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है, जिससे सड़कों पर भारी जाम लग गया है और गाड़ियों की रफ्तार थम गई है।

बाढ़ के कारण राजधानी की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। लोहा पुल अभी भी बंद है और आईटीओ पुल से लेकर पुराने लोहे के पुल तक चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी है, जिससे कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं। 54 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, और सड़कों पर गाड़ियां रेंगती हुई नजर आ रही हैं। कश्मीरी गेट पर सड़क पर 2 फीट तक पानी जमा होने से भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति है, जहां बसें भी पानी में डूबी हुई दिख रही हैं। बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने से लोगों को घर-बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्राउंड फ्लोर पर बने घर लगभग पूरी तरह से डूबे हुए हैं और लोग बिजली, पानी और खाने की किल्लत से जूझ रहे हैं। यमुना नदी के सैलाब में दुकानों में रखा सामान भी बह गया है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। इस विकट स्थिति से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में हैं। एनडीआरएफ (NDRF) की सात टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं और दिल्ली-एनसीआर में कुल चार टीमें तैनात की गई हैं। इन टीमों ने अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है और दिल्ली में 1100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी नाव से चक्कर लगाकर लोगों को बचाने में जुटी हैं। सिविल डिफेंस और दिल्ली पुलिस के साथ-साथ फ्लड डिपार्टमेंट भी अलर्ट मोड पर है और पानी के स्तर की हर घंटे निगरानी कर रहा है। हालांकि केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार से जलस्तर में गिरावट जारी रहने का अनुमान जताया है, लेकिन लगातार बारिश का दौर जारी रहने पर हालात और बिगड़ सकते हैं। यह सवाल भी उठ रहा है कि हर साल यमुना किनारे यही मंजर क्यों नजर आता है।


दिल्ली NCR Floods: यमुना का बढ़ा जलस्तर और येलो अलर्ट

दिल्ली-एनसीआर में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है। हाल ही में यमुना का जलस्तर 207.35 मीटर दर्ज किया गया था, जो 207 मीटर के खतरे के निशान से काफी अधिक है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 4 सितंबर की सुबह 8 बजे यह 207.47 मीटर था, हालांकि रात 8 बजे इसमें मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 207.42 मीटर पर पहुंच गया। 5 सितंबर को इसके 207.30 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। यह सब हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी का नतीजा है, जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो आने वाले समय में स्थिति को और खराब कर सकता है। यदि बारिश का दौर जारी रहा, तो जलस्तर में गिरावट का अनुमान भी बदल सकता है और बाढ़ के हालात बिगड़ सकते हैं।

जनजीवन अस्त-व्यस्त: सड़कें बनी दरिया, ट्रेनों पर ब्रेक

बाढ़ के कारण दिल्ली-एनसीआर में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं और कई जगहों पर तो दरिया बह रहा है। लोहा पुल अभी भी बंद है, और आईटीओ पुल से लेकर पुराने लोहे के पुल तक चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। कश्मीरी गेट और सिविल लाइंस जैसे इलाकों में भी बाढ़ का पानी सड़कों तक पहुंच गया है, जिससे भारी ट्रैफिक जाम लग गया है और गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। कुछ जगहों पर बसें भी पानी में डूबी हुई दिख रही हैं। यातायात बुरी तरह प्रभावित है, जहां 54 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लाखों लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है और रोजमर्रा की जिंदगी पटरी पर लौटने की चिंता सता रही है।

बाढ़ की चपेट में रिहायशी इलाके और प्राचीन मंदिर

दिल्ली में यमुना से सटे तमाम निचले इलाके पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यमुना बाजार का इलाका पूरी तरीके से डूब चुका है, जहां घर, दुकानें और मंदिर सब पानी में डूबे हुए हैं। ग्राउंड फ्लोर पर बने घर लगभग पूरी तरह से डूबे हुए नजर आ रहे हैं। प्राचीन नीली छतरी मंदिर भी बाढ़ की चपेट में है, जहां मंदिर के अंदर करीब 10 फीट तक पानी भर चुका है। भगवान शिव की प्रतिमा और गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग भी पूरी तरह से यमुना के पानी में डूबा हुआ है। पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर थाना इलाके के गढ़ी गांव में भी करीब 6 फीट तक पानी भर गया है। इन इलाकों से लोग अपना कीमती सामान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं, और कुछ लोग तो जान जोखिम में डालकर अपना बचा हुआ सामान लाने की कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ का पानी राहत शिविरों तक भी पहुंच गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

राहत और बचाव कार्य: NDRF-SDRF की टीमें मुस्तैद

बाढ़ के गंभीर हालातों के बीच, राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। एनडीआरएफ (NDRF) की सात टीमें पूरे क्षेत्र में और दिल्ली-एनसीआर में विशेष रूप से चार टीमें तैनात हैं। इन टीमों ने अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है और अकेले दिल्ली में 1100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी नाव से चक्कर लगाकर लोगों को बचाने का काम कर रही हैं। प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है, जिसमें सिविल डिफेंस और दिल्ली पुलिस भी अलर्ट मोड पर रहकर स्थिति को संभाल रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है, हालांकि बिजली, पानी और खाने की किल्लत जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। फ्लड डिपार्टमेंट भी पानी के स्तर पर लगातार निगरानी बनाए हुए है।

आगे क्या? जलस्तर में कमी की उम्मीद पर बारिश का खतरा

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शुक्रवार से यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है। 4 सितंबर को रात 8 बजे जलस्तर में मामूली कमी दर्ज की गई थी, और 5 सितंबर को इसके और घटने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, यह राहत की खबर अस्थाई साबित हो सकती है, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश का दौर जारी रहने पर हालात एक बार फिर बिगड़ सकते हैं। लगातार बारिश से यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा और गहरा जाएगा। सरकार एक्शन मोड में है और प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है, लेकिन हर साल यमुना किनारे इसी तरह के मंजर का दिखना एक गंभीर सवाल खड़ा करता है, जिस पर दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।

नीरज अहलावत | संस्थापक एवं मुख्य संपादक — Dainik Reality News Dainik Reality News में हम खबरों को केवल प्रकाशित नहीं करते, समझते हैं, विश्लेषित करते हैं, और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आपके सामने रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं—एक ज़िम्मेदारी है। इसी विचारधारा के साथ नीरज अहलावत, Dainik Reality News के संस्थापक एवं मुख्य संपादक, वर्तमान डिजिटल पत्रकारिता जगत में एक प्रखर और विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित हुए हैं। पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में 10+ वर्षों का गहन अनुभव रखते हुए उन्होंने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और सामाजिक मुद्दों पर लगातार शोध-आधारित रिपोर्टिंग की है। उनके लेख वस्तुनिष्ठता, तथ्य-आधारित विश्लेषण और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। नी‍रज का मानना है कि "खबर सिर्फ़ लिखी नहीं जाती, उसकी आत्मा समझनी होती है।" इसी सोच ने Dainik Reality News को पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा की राह पर आगे बढ़ाया। नीरज अहलावत न सिर्फ़ एक संपादक हैं, बल्कि Digital Strategy, SEO एवं Web Media Growth के विशेषज्ञ भी हैं। आधुनिक तकनीक, एल्गोरिथ्म और यूज़र व्यवहार की गहराई को समझते हुए वे न्यूज़ इकोसिस्टम को नए युग की पत्रकारिता के साथ जोड़ते हैं — ताकि ज़रूरी मुद्दे केवल लिखे ना जाएँ, लोगों तक पहुँचें भी। प्रमुख कार्यक्षेत्र एवं विशेषज्ञता ✔ राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण ✔ डिजिटल पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग ✔ मीडिया रणनीति, SEO और कंटेंट विस्तार ✔ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समसामयिक विषय ✔ तथ्यात्मक अनुसंधान एवं निष्पक्ष लेखन Articles by Author

Delhi NCR Floods: दिल्ली में बाढ़ से हाहाकार, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, जनजीवन बेहाल

Delhi NCR Floods: दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ से बिगड़े हालात, यमुना का जलस्तर खतरे के ऊपर, जानें लेटेस्ट अपडेट्स और बचाव कार्य की जानकारी।

Delhi NCR Floods: दिल्ली में बाढ़ से हाहाकार, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, जनजीवन बेहाल
दिल्ली एनसीआर बाढ़: यमुना का बढ़ता जलस्तर, जलमग्न सड़कें और बचाव कार्य

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 05 Sep 2025

दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। राजधानी में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। हर तरफ पानी ही पानी है, सड़कें दरिया बन चुकी हैं और लाखों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। यह रिपोर्ट आपको दिल्ली-एनसीआर के ताजा हालात, बचाव कार्यों और आगे की संभावित चुनौतियों से अवगत कराएगी, ताकि आप और आपके परिवार सुरक्षित रह सकें। स्थिति बेहद चिंताजनक है और सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

दिल्ली-एनसीआर इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में है, जहां यमुना नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी का जलस्तर 207 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुका है, और हाल ही में यह 207.35 मीटर तक दर्ज किया गया था। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 4 सितंबर की सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर था, जिसमें रात 8 बजे मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 207.42 मीटर पर पहुंच गया। 5 सितंबर को इसके 207.30 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि, यह गिरावट मामूली है और जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से काफी ऊपर है, जिससे दिल्ली वालों पर बाढ़ का खतरा बरकरार है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, और यही दिल्ली में चिंता का मुख्य कारण है। निचले इलाकों में हालात सबसे खराब हैं, जहां मजनू का टीला, यमुना बाजार और निगम बोध घाट जैसे क्षेत्रों में हजारों लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। यमुना बाजार का इलाका पूरी तरह से डूब चुका है, जहां घर, दुकानें और यहां तक कि प्राचीन मंदिर भी पानी में समा गए हैं। प्राचीन नीली छतरी मंदिर में करीब 10 फीट तक पानी भर गया है, और गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग भी पूरी तरह से यमुना की चपेट में है। पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर थाना इलाके के गढ़ी गांव में भी 6 फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोग अपना कीमती सामान बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर पानी में उतरने को मजबूर हैं। सिविल लाइंस और कश्मीरी गेट इलाकों में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है, जिससे सड़कों पर भारी जाम लग गया है और गाड़ियों की रफ्तार थम गई है।

बाढ़ के कारण राजधानी की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। लोहा पुल अभी भी बंद है और आईटीओ पुल से लेकर पुराने लोहे के पुल तक चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी है, जिससे कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं। 54 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, और सड़कों पर गाड़ियां रेंगती हुई नजर आ रही हैं। कश्मीरी गेट पर सड़क पर 2 फीट तक पानी जमा होने से भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति है, जहां बसें भी पानी में डूबी हुई दिख रही हैं। बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने से लोगों को घर-बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्राउंड फ्लोर पर बने घर लगभग पूरी तरह से डूबे हुए हैं और लोग बिजली, पानी और खाने की किल्लत से जूझ रहे हैं। यमुना नदी के सैलाब में दुकानों में रखा सामान भी बह गया है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। इस विकट स्थिति से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में हैं। एनडीआरएफ (NDRF) की सात टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं और दिल्ली-एनसीआर में कुल चार टीमें तैनात की गई हैं। इन टीमों ने अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है और दिल्ली में 1100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी नाव से चक्कर लगाकर लोगों को बचाने में जुटी हैं। सिविल डिफेंस और दिल्ली पुलिस के साथ-साथ फ्लड डिपार्टमेंट भी अलर्ट मोड पर है और पानी के स्तर की हर घंटे निगरानी कर रहा है। हालांकि केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार से जलस्तर में गिरावट जारी रहने का अनुमान जताया है, लेकिन लगातार बारिश का दौर जारी रहने पर हालात और बिगड़ सकते हैं। यह सवाल भी उठ रहा है कि हर साल यमुना किनारे यही मंजर क्यों नजर आता है।


दिल्ली NCR Floods: यमुना का बढ़ा जलस्तर और येलो अलर्ट

दिल्ली-एनसीआर में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है। हाल ही में यमुना का जलस्तर 207.35 मीटर दर्ज किया गया था, जो 207 मीटर के खतरे के निशान से काफी अधिक है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 4 सितंबर की सुबह 8 बजे यह 207.47 मीटर था, हालांकि रात 8 बजे इसमें मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 207.42 मीटर पर पहुंच गया। 5 सितंबर को इसके 207.30 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। यह सब हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी का नतीजा है, जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो आने वाले समय में स्थिति को और खराब कर सकता है। यदि बारिश का दौर जारी रहा, तो जलस्तर में गिरावट का अनुमान भी बदल सकता है और बाढ़ के हालात बिगड़ सकते हैं।

जनजीवन अस्त-व्यस्त: सड़कें बनी दरिया, ट्रेनों पर ब्रेक

बाढ़ के कारण दिल्ली-एनसीआर में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं और कई जगहों पर तो दरिया बह रहा है। लोहा पुल अभी भी बंद है, और आईटीओ पुल से लेकर पुराने लोहे के पुल तक चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। कश्मीरी गेट और सिविल लाइंस जैसे इलाकों में भी बाढ़ का पानी सड़कों तक पहुंच गया है, जिससे भारी ट्रैफिक जाम लग गया है और गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। कुछ जगहों पर बसें भी पानी में डूबी हुई दिख रही हैं। यातायात बुरी तरह प्रभावित है, जहां 54 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लाखों लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है और रोजमर्रा की जिंदगी पटरी पर लौटने की चिंता सता रही है।

बाढ़ की चपेट में रिहायशी इलाके और प्राचीन मंदिर

दिल्ली में यमुना से सटे तमाम निचले इलाके पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यमुना बाजार का इलाका पूरी तरीके से डूब चुका है, जहां घर, दुकानें और मंदिर सब पानी में डूबे हुए हैं। ग्राउंड फ्लोर पर बने घर लगभग पूरी तरह से डूबे हुए नजर आ रहे हैं। प्राचीन नीली छतरी मंदिर भी बाढ़ की चपेट में है, जहां मंदिर के अंदर करीब 10 फीट तक पानी भर चुका है। भगवान शिव की प्रतिमा और गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग भी पूरी तरह से यमुना के पानी में डूबा हुआ है। पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर थाना इलाके के गढ़ी गांव में भी करीब 6 फीट तक पानी भर गया है। इन इलाकों से लोग अपना कीमती सामान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं, और कुछ लोग तो जान जोखिम में डालकर अपना बचा हुआ सामान लाने की कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ का पानी राहत शिविरों तक भी पहुंच गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

राहत और बचाव कार्य: NDRF-SDRF की टीमें मुस्तैद

बाढ़ के गंभीर हालातों के बीच, राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। एनडीआरएफ (NDRF) की सात टीमें पूरे क्षेत्र में और दिल्ली-एनसीआर में विशेष रूप से चार टीमें तैनात हैं। इन टीमों ने अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है और अकेले दिल्ली में 1100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी नाव से चक्कर लगाकर लोगों को बचाने का काम कर रही हैं। प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है, जिसमें सिविल डिफेंस और दिल्ली पुलिस भी अलर्ट मोड पर रहकर स्थिति को संभाल रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है, हालांकि बिजली, पानी और खाने की किल्लत जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। फ्लड डिपार्टमेंट भी पानी के स्तर पर लगातार निगरानी बनाए हुए है।

आगे क्या? जलस्तर में कमी की उम्मीद पर बारिश का खतरा

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शुक्रवार से यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है। 4 सितंबर को रात 8 बजे जलस्तर में मामूली कमी दर्ज की गई थी, और 5 सितंबर को इसके और घटने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, यह राहत की खबर अस्थाई साबित हो सकती है, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश का दौर जारी रहने पर हालात एक बार फिर बिगड़ सकते हैं। लगातार बारिश से यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा और गहरा जाएगा। सरकार एक्शन मोड में है और प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है, लेकिन हर साल यमुना किनारे इसी तरह के मंजर का दिखना एक गंभीर सवाल खड़ा करता है, जिस पर दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।

नीरज अहलावत | संस्थापक एवं मुख्य संपादक — Dainik Reality News Dainik Reality News में हम खबरों को केवल प्रकाशित नहीं करते, समझते हैं, विश्लेषित करते हैं, और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आपके सामने रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं—एक ज़िम्मेदारी है। इसी विचारधारा के साथ नीरज अहलावत, Dainik Reality News के संस्थापक एवं मुख्य संपादक, वर्तमान डिजिटल पत्रकारिता जगत में एक प्रखर और विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित हुए हैं। पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में 10+ वर्षों का गहन अनुभव रखते हुए उन्होंने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और सामाजिक मुद्दों पर लगातार शोध-आधारित रिपोर्टिंग की है। उनके लेख वस्तुनिष्ठता, तथ्य-आधारित विश्लेषण और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। नी‍रज का मानना है कि "खबर सिर्फ़ लिखी नहीं जाती, उसकी आत्मा समझनी होती है।" इसी सोच ने Dainik Reality News को पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा की राह पर आगे बढ़ाया। नीरज अहलावत न सिर्फ़ एक संपादक हैं, बल्कि Digital Strategy, SEO एवं Web Media Growth के विशेषज्ञ भी हैं। आधुनिक तकनीक, एल्गोरिथ्म और यूज़र व्यवहार की गहराई को समझते हुए वे न्यूज़ इकोसिस्टम को नए युग की पत्रकारिता के साथ जोड़ते हैं — ताकि ज़रूरी मुद्दे केवल लिखे ना जाएँ, लोगों तक पहुँचें भी। प्रमुख कार्यक्षेत्र एवं विशेषज्ञता ✔ राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण ✔ डिजिटल पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग ✔ मीडिया रणनीति, SEO और कंटेंट विस्तार ✔ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समसामयिक विषय ✔ तथ्यात्मक अनुसंधान एवं निष्पक्ष लेखन Articles by Author
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