दिल्ली में यमुना का जलस्तर: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, राजधानी में बाढ़ का बड़ा खतरा!

दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। जानिए निचले इलाकों में बाढ़ से क्या हैं ताज़ा अपडेट और लोगों को क्यों झेलना पड़ रहा है बड़ा झटका।

दिल्ली में यमुना का जलस्तर: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, राजधानी में बाढ़ का बड़ा खतरा!
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात।

    दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 03 Sep 2025

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, राजधानी पर बाढ़ का मंडराया बड़ा खतरा!

    राजधानी दिल्ली इस वक्त एक बड़े प्राकृतिक संकट से जूझ रही है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर रिकॉर्ड 207 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है, जहां हजारों लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मानसून की रिकॉर्डतोड़ बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभूतपूर्व रूप से बढ़ा दिया है, जिससे न केवल रिहायशी बल्कि व्यावसायिक क्षेत्रों में भी पानी भर गया है। इस ताज़ा अपडेट के साथ, प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है, क्योंकि कुछ घंटों की और बारिश हालात को और भी गंभीर बना सकती है।

    यमुना के रौद्र रूप ने दिल्ली की जमीनी हकीकत को पूरी तरह बदल दिया है। मोनेस्ट्री मार्केट, निगम बोध घाट और बदरपुर बॉर्डर जैसे कई महत्वपूर्ण इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। बाजार बंद हैं, कारोबार ठप पड़ा है और लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। तिब्बती मूल के लोग जो मजनू का टीला के पास अरुणा नगर इलाके में रहते हैं, वे भी इस बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और अपना सामान लेकर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं। बच्चों को प्लास्टिक के टब में रखकर रेस्क्यू किया जा रहा है, जबकि बड़े लोग तैरकर अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। यह तस्वीरें दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से पैदा हुई विषम परिस्थितियों को साफ दर्शाती हैं। दिल्ली से सटे एनसीआर के इलाकों में भी जलजमाव और घंटों के जाम से लोग परेशान हैं, जिससे यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई है।

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर: रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई पर

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह दोपहर 1 बजे तक 207 मीटर के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। यमुना के लिए खतरे का निशान 205.33 मीटर निर्धारित है, जिसे पार कर जाने के बाद स्थिति गंभीर मानी जाती है। मौजूदा स्तर इस बात का संकेत है कि निचले इलाकों में पानी और अधिक गहराई तक प्रवेश कर चुका है और अगर इसमें और वृद्धि होती है तो हालात और बिगड़ सकते हैं। पिछले 15 सालों में मानसून ने इस बार दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है, जो यमुना के बढ़ते जलस्तर का एक प्रमुख कारण है।

    निचले इलाकों में बाढ़ का कहर

    यमुना के किनारे स्थित निचले इलाकों में बाढ़ का कहर साफ देखा जा सकता है। निगम बोध घाट, जो एक श्मशान घाट है, पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, जिससे अंतिम संस्कार जैसे कार्य भी प्रभावित हुए हैं। मोनेस्ट्री मार्केट, एक प्रमुख बाजार, भी पानी में डूबा हुआ है, दुकानें बंद हैं और व्यापार पूरी तरह से ठप है। तारा देवी कॉलोनी और मजनू का टीला के पास अरुणा नगर जैसे रिहायशी इलाकों में घरों के अंदर तक पानी घुस गया है, जिससे लोग अपना सब कुछ छोड़कर निकलने को मजबूर हैं।

    मोनेस्ट्री मार्केट से बदरपुर बॉर्डर तक हालात

    राजधानी के विभिन्न हिस्सों में स्थिति समान रूप से गंभीर है। मोनेस्ट्री मार्केट में जहां दुकानें बंद हैं और लोग अपने जरूरी सामान को लेकर शिफ्ट हो रहे हैं, वहीं बदरपुर बॉर्डर इलाके में भी हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां घरों में सैलाब घुसने के बाद लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। बच्चे प्लास्टिक के टब में बिठाकर रेस्क्यू किए जा रहे हैं, जबकि घर के बड़े सदस्य पानी में तैरकर बाहर निकल रहे हैं। तिब्बती शरणार्थी, जो अरुणा नगर में रहते हैं, उन्होंने भी बताया है कि उनके बेसमेंट में भी पानी भर गया है।

    जान बचाने को मजबूर लोग: टब में बच्चों का रेस्क्यू

    बाढ़ की इस स्थिति में लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी जान बचाना है। बदरपुर बॉर्डर से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जहां मासूम बच्चों को प्लास्टिक के टब में बिठाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। यह दर्शाता है कि पानी का स्तर कितना अधिक है कि लोग बच्चों को कंधे पर उठाकर भी नहीं ले जा पा रहे हैं। कई लोगों को अपने घरों से तैरकर बाहर निकलते हुए भी देखा गया है। यह एक मुश्किल वक्त है जब लोगों को अपना आशियाना छोड़कर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे उम्मीद कर रहे हैं कि एक दिन वे अपने घर लौट पाएंगे।

    हथिनीकुंड बैराज और मानसून का योगदान

    यमुना में पानी का यह विकराल रूप केवल स्थानीय बारिश का नतीजा नहीं है। हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण भी दिल्ली में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही, इस साल मानसून ने दिल्ली में पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे कई इलाकों में भारी जलजमाव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इन दोनों कारकों ने मिलकर दिल्ली में एक गंभीर जल संकट पैदा कर दिया है।

    प्रशासन की अपील और आगे की चुनौतियां

    दिल्ली प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर जरूरी न हो तो वे घरों से बाहर न निकलें। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है और अगर कुछ घंटों की और बारिश होती है तो आफत और बढ़ सकती है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ना एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों की सहभागिता और सावधानी भी अत्यंत आवश्यक है।


    FAQs

    Q1: दिल्ली में यमुना का जलस्तर कितना है? A1: दिल्ली में यमुना का जलस्तर दोपहर 1 बजे तक रिकॉर्ड 207 मीटर पर पहुंच गया है। यह खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

    Q2: दिल्ली बाढ़ से कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं? A2: दिल्ली बाढ़ से मोनेस्ट्री मार्केट, निगम बोध घाट, तारा देवी कॉलोनी, बदरपुर बॉर्डर इलाके और मजनू का टीला के पास अरुणा नगर जैसे निचले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहां घरों और बाजारों में पानी भर गया है।

    Q3: यमुना के लिए खतरे का निशान क्या है? A3: यमुना नदी के लिए खतरे का निशान 205.33 मीटर निर्धारित है। जब जलस्तर इस निशान को पार करता है, तो बाढ़ की चेतावनी जारी की जाती है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा जाता है।

    Q4: दिल्ली में यमुना का जलस्तर इतना क्यों बढ़ गया है? A4: दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के कई कारण हैं। इसमें इस बार मानसून की रिकॉर्डतोड़ बारिश (जो पिछले 15 सालों में सबसे अधिक है) और हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जाना प्रमुख हैं।

    Q5: प्रभावित निवासियों के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? A5: प्रभावित निवासियों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी न हो तो घरों से बाहर न निकलें। बच्चों को प्लास्टिक के टब में रखकर और बड़ों को तैरकर घरों से बाहर निकलने में मदद की जा रही है।

    नीरज अहलावत | संस्थापक एवं मुख्य संपादक — Dainik Reality News Dainik Reality News में हम खबरों को केवल प्रकाशित नहीं करते, समझते हैं, विश्लेषित करते हैं, और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आपके सामने रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं—एक ज़िम्मेदारी है। इसी विचारधारा के साथ नीरज अहलावत, Dainik Reality News के संस्थापक एवं मुख्य संपादक, वर्तमान डिजिटल पत्रकारिता जगत में एक प्रखर और विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित हुए हैं। पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में 10+ वर्षों का गहन अनुभव रखते हुए उन्होंने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और सामाजिक मुद्दों पर लगातार शोध-आधारित रिपोर्टिंग की है। उनके लेख वस्तुनिष्ठता, तथ्य-आधारित विश्लेषण और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। नी‍रज का मानना है कि "खबर सिर्फ़ लिखी नहीं जाती, उसकी आत्मा समझनी होती है।" इसी सोच ने Dainik Reality News को पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा की राह पर आगे बढ़ाया। नीरज अहलावत न सिर्फ़ एक संपादक हैं, बल्कि Digital Strategy, SEO एवं Web Media Growth के विशेषज्ञ भी हैं। आधुनिक तकनीक, एल्गोरिथ्म और यूज़र व्यवहार की गहराई को समझते हुए वे न्यूज़ इकोसिस्टम को नए युग की पत्रकारिता के साथ जोड़ते हैं — ताकि ज़रूरी मुद्दे केवल लिखे ना जाएँ, लोगों तक पहुँचें भी। प्रमुख कार्यक्षेत्र एवं विशेषज्ञता ✔ राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण ✔ डिजिटल पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग ✔ मीडिया रणनीति, SEO और कंटेंट विस्तार ✔ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समसामयिक विषय ✔ तथ्यात्मक अनुसंधान एवं निष्पक्ष लेखन Articles by Author

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, राजधानी में बाढ़ का बड़ा खतरा!

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। जानिए निचले इलाकों में बाढ़ से क्या हैं ताज़ा अपडेट और लोगों को क्यों झेलना पड़ रहा है बड़ा झटका।

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, राजधानी में बाढ़ का बड़ा खतरा!
    दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात।

      दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 03 Sep 2025

      दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, राजधानी पर बाढ़ का मंडराया बड़ा खतरा!

      राजधानी दिल्ली इस वक्त एक बड़े प्राकृतिक संकट से जूझ रही है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर रिकॉर्ड 207 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है, जहां हजारों लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मानसून की रिकॉर्डतोड़ बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभूतपूर्व रूप से बढ़ा दिया है, जिससे न केवल रिहायशी बल्कि व्यावसायिक क्षेत्रों में भी पानी भर गया है। इस ताज़ा अपडेट के साथ, प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है, क्योंकि कुछ घंटों की और बारिश हालात को और भी गंभीर बना सकती है।

      यमुना के रौद्र रूप ने दिल्ली की जमीनी हकीकत को पूरी तरह बदल दिया है। मोनेस्ट्री मार्केट, निगम बोध घाट और बदरपुर बॉर्डर जैसे कई महत्वपूर्ण इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। बाजार बंद हैं, कारोबार ठप पड़ा है और लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। तिब्बती मूल के लोग जो मजनू का टीला के पास अरुणा नगर इलाके में रहते हैं, वे भी इस बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और अपना सामान लेकर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं। बच्चों को प्लास्टिक के टब में रखकर रेस्क्यू किया जा रहा है, जबकि बड़े लोग तैरकर अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। यह तस्वीरें दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से पैदा हुई विषम परिस्थितियों को साफ दर्शाती हैं। दिल्ली से सटे एनसीआर के इलाकों में भी जलजमाव और घंटों के जाम से लोग परेशान हैं, जिससे यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई है।

      दिल्ली में यमुना का जलस्तर: रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई पर

      दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह दोपहर 1 बजे तक 207 मीटर के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। यमुना के लिए खतरे का निशान 205.33 मीटर निर्धारित है, जिसे पार कर जाने के बाद स्थिति गंभीर मानी जाती है। मौजूदा स्तर इस बात का संकेत है कि निचले इलाकों में पानी और अधिक गहराई तक प्रवेश कर चुका है और अगर इसमें और वृद्धि होती है तो हालात और बिगड़ सकते हैं। पिछले 15 सालों में मानसून ने इस बार दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है, जो यमुना के बढ़ते जलस्तर का एक प्रमुख कारण है।

      निचले इलाकों में बाढ़ का कहर

      यमुना के किनारे स्थित निचले इलाकों में बाढ़ का कहर साफ देखा जा सकता है। निगम बोध घाट, जो एक श्मशान घाट है, पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, जिससे अंतिम संस्कार जैसे कार्य भी प्रभावित हुए हैं। मोनेस्ट्री मार्केट, एक प्रमुख बाजार, भी पानी में डूबा हुआ है, दुकानें बंद हैं और व्यापार पूरी तरह से ठप है। तारा देवी कॉलोनी और मजनू का टीला के पास अरुणा नगर जैसे रिहायशी इलाकों में घरों के अंदर तक पानी घुस गया है, जिससे लोग अपना सब कुछ छोड़कर निकलने को मजबूर हैं।

      मोनेस्ट्री मार्केट से बदरपुर बॉर्डर तक हालात

      राजधानी के विभिन्न हिस्सों में स्थिति समान रूप से गंभीर है। मोनेस्ट्री मार्केट में जहां दुकानें बंद हैं और लोग अपने जरूरी सामान को लेकर शिफ्ट हो रहे हैं, वहीं बदरपुर बॉर्डर इलाके में भी हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां घरों में सैलाब घुसने के बाद लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। बच्चे प्लास्टिक के टब में बिठाकर रेस्क्यू किए जा रहे हैं, जबकि घर के बड़े सदस्य पानी में तैरकर बाहर निकल रहे हैं। तिब्बती शरणार्थी, जो अरुणा नगर में रहते हैं, उन्होंने भी बताया है कि उनके बेसमेंट में भी पानी भर गया है।

      जान बचाने को मजबूर लोग: टब में बच्चों का रेस्क्यू

      बाढ़ की इस स्थिति में लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी जान बचाना है। बदरपुर बॉर्डर से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जहां मासूम बच्चों को प्लास्टिक के टब में बिठाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। यह दर्शाता है कि पानी का स्तर कितना अधिक है कि लोग बच्चों को कंधे पर उठाकर भी नहीं ले जा पा रहे हैं। कई लोगों को अपने घरों से तैरकर बाहर निकलते हुए भी देखा गया है। यह एक मुश्किल वक्त है जब लोगों को अपना आशियाना छोड़कर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे उम्मीद कर रहे हैं कि एक दिन वे अपने घर लौट पाएंगे।

      हथिनीकुंड बैराज और मानसून का योगदान

      यमुना में पानी का यह विकराल रूप केवल स्थानीय बारिश का नतीजा नहीं है। हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण भी दिल्ली में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही, इस साल मानसून ने दिल्ली में पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे कई इलाकों में भारी जलजमाव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इन दोनों कारकों ने मिलकर दिल्ली में एक गंभीर जल संकट पैदा कर दिया है।

      प्रशासन की अपील और आगे की चुनौतियां

      दिल्ली प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर जरूरी न हो तो वे घरों से बाहर न निकलें। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है और अगर कुछ घंटों की और बारिश होती है तो आफत और बढ़ सकती है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ना एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों की सहभागिता और सावधानी भी अत्यंत आवश्यक है।


      FAQs

      Q1: दिल्ली में यमुना का जलस्तर कितना है? A1: दिल्ली में यमुना का जलस्तर दोपहर 1 बजे तक रिकॉर्ड 207 मीटर पर पहुंच गया है। यह खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

      Q2: दिल्ली बाढ़ से कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं? A2: दिल्ली बाढ़ से मोनेस्ट्री मार्केट, निगम बोध घाट, तारा देवी कॉलोनी, बदरपुर बॉर्डर इलाके और मजनू का टीला के पास अरुणा नगर जैसे निचले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहां घरों और बाजारों में पानी भर गया है।

      Q3: यमुना के लिए खतरे का निशान क्या है? A3: यमुना नदी के लिए खतरे का निशान 205.33 मीटर निर्धारित है। जब जलस्तर इस निशान को पार करता है, तो बाढ़ की चेतावनी जारी की जाती है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा जाता है।

      Q4: दिल्ली में यमुना का जलस्तर इतना क्यों बढ़ गया है? A4: दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के कई कारण हैं। इसमें इस बार मानसून की रिकॉर्डतोड़ बारिश (जो पिछले 15 सालों में सबसे अधिक है) और हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जाना प्रमुख हैं।

      Q5: प्रभावित निवासियों के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? A5: प्रभावित निवासियों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी न हो तो घरों से बाहर न निकलें। बच्चों को प्लास्टिक के टब में रखकर और बड़ों को तैरकर घरों से बाहर निकलने में मदद की जा रही है।

      नीरज अहलावत | संस्थापक एवं मुख्य संपादक — Dainik Reality News Dainik Reality News में हम खबरों को केवल प्रकाशित नहीं करते, समझते हैं, विश्लेषित करते हैं, और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही आपके सामने रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं—एक ज़िम्मेदारी है। इसी विचारधारा के साथ नीरज अहलावत, Dainik Reality News के संस्थापक एवं मुख्य संपादक, वर्तमान डिजिटल पत्रकारिता जगत में एक प्रखर और विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित हुए हैं। पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में 10+ वर्षों का गहन अनुभव रखते हुए उन्होंने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और सामाजिक मुद्दों पर लगातार शोध-आधारित रिपोर्टिंग की है। उनके लेख वस्तुनिष्ठता, तथ्य-आधारित विश्लेषण और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। नी‍रज का मानना है कि "खबर सिर्फ़ लिखी नहीं जाती, उसकी आत्मा समझनी होती है।" इसी सोच ने Dainik Reality News को पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा की राह पर आगे बढ़ाया। नीरज अहलावत न सिर्फ़ एक संपादक हैं, बल्कि Digital Strategy, SEO एवं Web Media Growth के विशेषज्ञ भी हैं। आधुनिक तकनीक, एल्गोरिथ्म और यूज़र व्यवहार की गहराई को समझते हुए वे न्यूज़ इकोसिस्टम को नए युग की पत्रकारिता के साथ जोड़ते हैं — ताकि ज़रूरी मुद्दे केवल लिखे ना जाएँ, लोगों तक पहुँचें भी। प्रमुख कार्यक्षेत्र एवं विशेषज्ञता ✔ राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण ✔ डिजिटल पत्रकारिता एवं रिपोर्टिंग ✔ मीडिया रणनीति, SEO और कंटेंट विस्तार ✔ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समसामयिक विषय ✔ तथ्यात्मक अनुसंधान एवं निष्पक्ष लेखन Articles by Author
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