Lottery Winner Amit Sehra: कोठपुतली के सब्जीवाले ने जीता 11 करोड़ का दिवाली बंपर इनाम, बदल गई पूरी जिंदगी
Lottery Winner Amit Sehra की कहानी जिसने दिवाली पर जीता ₹11 करोड़ का इनाम। जानें कैसे कोठपुतली (राजस्थान) के एक साधारण सब्जीवाले की मेहनत और किस्मत ने रातोंरात तकदीर बदली।
लेखक नीरज अहलावत
Date: | 05 Nov 2025
11 करोड़ का दिवाली बंपर: राजस्थान का सब्जीवाला बना रातोंरात करोड़पति, क्लेम किया इनाम
इस दिवाली भगवान ने किसी साधारण इंसान को सच में तोहफा दिया है, और यह तोहफा इतना बड़ा है कि रातोंरात एक सब्जीवाले की पूरी जिंदगी बदल गई। यह कहानी है राजस्थान के जयपुर जिले के कोठपुतली कस्बे में सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा करने वाले 32 वर्षीय अमित सेहरा की, जिनकी ईमानदारी और मेहनत ने उन्हें पंजाब स्टेट दिवाली बंपर 2025 का पहला विजेता बना दिया है, और उन्हें पूरे 11 करोड़ रुपए का इनाम मिला है। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन में संघर्ष कर रहे हैं और यह जानने के इच्छुक हैं कि किस्मत कब और कैसे करवट बदल सकती है। अमित ने यह टिकट महज ₹500 में पंजाब के भटिंडा में खरीदा था, और इनाम की घोषणा होने के बाद जब उन्हें ढूंढ लिया गया, तो उन्होंने आधिकारिक तौर पर यह इनाम क्लेम कर लिया है। अब यह साधारण सब्जीवाला करोड़पति अपने बच्चों के लिए भविष्य सुरक्षित करने, पुराने कर्जे चुकाने और अपने परिवार को एक पक्का मकान देने की तैयारी में है, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट और विश्लेषण यहां प्रस्तुत है।
1. 11 करोड़ का दिवाली बंपर: कैसे पलटी कोठपुतली के अमित सेहरा की किस्मत
राजस्थान के कोठपुतली में रहने वाले अमित सेहरा, जो रोज सुबह 5 बजे अपना सब्जी का ठेला लेकर निकलते थे और शाम को घर लौटते थे, उनके लिए 31 अक्टूबर 2025 की रात ऐतिहासिक साबित हुई, जब लुधियाना में दिवाली बंपर का ड्रॉ खोला गया। इस बार के बंपर ड्रॉ में पहला इनाम पूरे 11 करोड़ रुपए का था, दूसरा इनाम 1 करोड़ रुपए का और तीसरा 50 लाख रुपए का रखा गया था। 1 नवंबर को जैसे ही परिणाम घोषित हुए, यह स्पष्ट हो गया कि टिकट नंबर A438586 पर पहला 11 करोड़ का इनाम अमित सेहरा के नाम आया है। हालांकि, इनाम की घोषणा होते ही अमित 3 दिनों तक लापता रहे क्योंकि उनका मोबाइल फोन टूटा हुआ था, जिसके कारण लॉटरी एजेंसी को उनसे संपर्क करने में काफी कठिनाई हुई। लॉटरी एजेंसी ने फोन, मैसेज और स्थानीय लोगों की मदद से संपर्क साधने की कोशिश की, और आखिरकार उन्हें तब खोजा गया जब वह अपने ठेले पर सब्जियां बेच रहे थे। पड़ोसियों ने जब उन्हें इस अद्भुत जीत की खबर दी, तो पहले तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ और उन्हें लगा कि वह सपना देख रहे हैं। यह उनकी Lottery Winner बनने की यात्रा की शुरुआत थी, जिसने दिखाया कि संघर्ष और किस्मत का मेल किसी भी पल जीवन बदल सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार की दिवाली सच में भगवान का तोहफा लेकर आई है, एक सच्चा दिवाली गिफ्ट मिला है।
2. साधारण जीवन से संघर्ष और बजरंगबली में अटूट आस्था
अमित सेहरा अपनी पत्नी रीता और अपने दो छोटे बच्चों के साथ कोठपुतली में एक किराए के टूटे-फूटे, नॉर्मल से मकान में रहते थे। उनका गुजारा सब्जी का ठेला लगाकर होता था, और जीवन बेहद सादा और संघर्षपूर्ण था। अमित ने अपने जीवन के बारे में बात करते हुए कहा कि जब से उन्होंने होश संभाला है, वह बजरंगबली पवनसुत हनुमान की पूजा करते आए हैं। उनका मानना है कि वह उनकी जोतबत्ती करने के बाद ही खाना खाते हैं, और उनके नाम के बगैर उनका कोई भी काम या धंधा शुरू नहीं होता है। अमित ने स्वीकार किया कि उनके पास ऐसा कोई मकान नहीं था जिसे वह किसी को दिखा सकें, और उनका लक्ष्य था कि उनका आगे का जीवन बहुत अच्छा निकले, जिसके लिए वह भगवान की मेहरबानी का आभार जताते हैं। इस जीत ने उनके जीवन के संघर्ष को समाप्त कर दिया है और उन्हें अपने बच्चों और परिवार के लिए बेहतर भविष्य का मार्ग दिखाया है, जो इस बात की मिसाल है कि मेहनत और किस्मत किसी भी साधारण इंसान को सब्जीवाला करोड़पति बना सकती है।
3. सामाजिक जिम्मेदारी और सपनों का नया पक्का घर
करोड़पति बनने के बाद अमित सेहरा के इरादे बहुत साफ और दिल को छू लेने वाले हैं। उन्होंने अपनी जीत के पैसों का उपयोग करने की योजना साझा करते हुए बताया कि वह सबसे पहले अपने पुराने कर्जे चुकाएंगे। इसके अलावा, वह अपने दो बेटों और पत्नी के भरण-पोषण और पढ़ाई-लिखाई में बचे हुए पैसों का निवेश करेंगे, और उनके लिए एक पक्का मकान बनाएंगे। अमित ने अपने सामाजिक सरोकार को भी प्राथमिकता दी है; उन्होंने अपनी दो दोस्त की बच्चियों को भी 50-50 लाख रुपए देने का वादा किया है, क्योंकि वह उन्हें अपनी बेटियों जैसा मानते हैं। अमित ने भावुक होकर बताया कि उनकी मम्मी नहीं हैं, इसलिए उन्हें पता है कि मम्मी और बेटियों का दुख क्या होता है, और यह जिम्मेदारी उन्होंने अपनी Lottery Winner राशि से निभाने का फैसला किया है। उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं: सबसे पहले कर्ज मुक्ति, फिर बच्चों की पढ़ाई, और अंत में परिवार के लिए एक मजबूत ठिकाना।
4. इनाम क्लेम करने की प्रक्रिया और अंतिम राशि का लेखा-जोखा
सब्जीवाला करोड़पति अमित सेहरा ने अपनी जीत को आधिकारिक बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। लॉटरी एजेंसी द्वारा खोज लिए जाने के बाद, वह भटिंडा पहुंच चुके थे और उन्होंने आज शाम को आधिकारिक तौर पर अपना इनाम क्लेम कर लिया है। लॉटरी विभाग के निदेशक के अनुसार, इनाम को 30 दिनों के भीतर क्लेम करना अनिवार्य होता है, और अमित ने समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर ली। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 11 करोड़ रुपए की यह राशि सीधे अमित को नहीं मिलेगी। टैक्स कटौती के बाद, उन्हें पूरे 11 करोड़ रुपए (टैक्स कटने के बाद बची हुई शुद्ध राशि) प्राप्त होंगे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि Lottery Winner को कानूनी और वित्तीय नियमों का पालन करते हुए ही उनकी जीत की राशि प्राप्त हो। अमित की यह कहानी दिवाली बंपर की सबसे बड़ी और सच्ची खबर बन गई है, जो यह दर्शाती है कि जीवन में संघर्ष करने वाले लोगों के लिए भी बड़े अवसर छिपे हो सकते हैं।
Conclusion
कोठपुतली के सब्जी विक्रेता अमित सेहरा की Lottery Winner बनने की यह कहानी न केवल एक ब्रेकिंग न्यूज है, बल्कि साधारण भारतीय के लिए 'मेहनत और किस्मत' के अटूट संबंध का गहरा विश्लेषण भी प्रस्तुत करती है। एक साधारण ठेले वाले का रातोंरात 11 करोड़ रुपए जीतना यह दिखाता है कि सब्जीवाला करोड़पति बनने की यह घटना विशुद्ध रूप से किस्मत का खेल नहीं है, बल्कि उस उम्मीद का प्रतीक है जो हर इंसान को संघर्ष के बीच आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। अमित का अपने परिवार, बच्चों और दोस्त की बच्चियों के प्रति जिम्मेदारी दिखाना यह सुनिश्चित करता है कि यह पैसा सही हाथों में गया है, जो न केवल अपनी गरीबी मिटाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहा है। टैक्स कटने के बाद मिली यह राशि अमित के लिए एक नई शुरुआत है—कर्ज चुकाना, बच्चों को अच्छी शिक्षा देना और कोठपुतली में एक पक्का मकान बनाना, जिससे उनका और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके। यह सच्ची घटना दिवाली बंपर की मिसाल है कि जिंदगी किसी भी पल बदल सकती है।
FAQs (5 Q&A)
Q1. Lottery Winner Amit Sehra किस जगह के रहने वाले हैं? Lottery Winner अमित सेहरा राजस्थान राज्य के जयपुर जिले में स्थित कोठपुतली कस्बे के निवासी हैं। वह अपनी पत्नी रीता और दो छोटे बच्चों के साथ किराए के मकान में रहकर सब्जी बेचने का काम करते थे।
Q2. सब्जीवाला करोड़पति अमित सेहरा ने कौन सा इनाम जीता है? अमित सेहरा ने पंजाब स्टेट लॉटरी का दिवाली बंपर 2025 का पहला इनाम जीता है। उन्हें यह इनाम पूरे 11 करोड़ रुपए का मिला है, जिसके लिए उन्होंने ₹500 का टिकट खरीदा था।
Q3. अमित सेहरा के लॉटरी टिकट का नंबर क्या था? अमित सेहरा के लॉटरी टिकट का नंबर A438586 था, जिस पर उन्हें 11 करोड़ रुपए का पहला इनाम मिला है। लॉटरी का ड्रॉ 31 अक्टूबर की रात 8:00 बजे लुधियाना में खोला गया था।
Q4. ₹11 करोड़ जीतने के बाद अमित सेहरा की पहली योजना क्या है? Lottery Winner अमित सेहरा सबसे पहले अपने पुराने कर्जे चुकाएंगे। इसके बाद वह अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करेंगे, उनके लिए एक पक्का घर बनाएंगे और अपनी दोस्त की बच्चियों को भी 50-50 लाख रुपए देंगे।
Q5. इनाम की राशि क्लेम करने की समय सीमा क्या होती है? लॉटरी विभाग के निदेशक ने बताया है कि इनाम की राशि को क्लेम करने के लिए 30 दिनों का समय निर्धारित होता है। अमित सेहरा ने समय पर भटिंडा पहुंचकर आधिकारिक तौर पर अपना 11 करोड़ रुपए का इनाम क्लेम कर लिया है।