Donkey Route: करनाल के दो युवा स्पेन के चक्कर में ईरान में फंसे, एजेंटों ने भेजी मारपीट की वीडियो, ₹20 लाख की मांग।
Donkey Route: करनाल हरियाणा के पवन और ऋतिक को ईरान में डोंकर्स ने पकड़ा। 17 लाख में स्पेन भेजने का वादा कर एजेंट फ्रॉड ने मांगी 20 लाख की फिरौती। जानें गलत एजेंटों से कैसे बचें।
By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 31 Oct 2025
गलत एजेंट के झांसे में आकर ईरान पहुंचे करनाल के दो युवा, डोनकर्स मांग रहे 20 लाख; मां की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे
विदेश जाने का आसान तरीका (Long-tail keyword) खोजने वाले युवाओं और उनके परिवारों के लिए यह खबर एक दिल दहला देने वाली चेतावनी है। करनाल हरियाणा से सामने आया यह सनसनीखेज मामला एक बार फिर साबित करता है कि गलत एजेंट के चक्कर में फंसना कितना खतरनाक हो सकता है, जहां जिंदगी भी बर्बाद हो सकती है और पैसे की बर्बादी भी झेलनी पड़ सकती है। दो दिन पहले घर से निकले करनाल के जांबा गांव और दादूपुर गांव के दो युवा, पवन और ऋतिक, स्पेन जाने के इरादे से निकले थे, लेकिन उन्हें ईरान (तेहरान) में डोंकर्स (डंकर्स/तस्करों) ने पकड़ लिया है। परिजनों के पास युवाओं के साथ बेरहमी से की जा रही मारपीट के वीडियो भेजे गए हैं। डोंकर्स ने इन युवाओं को छोड़ने के लिए अब ₹20 लाख की मोटी रकम की डिमांड की है, जिसके बाद दोनों परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां ने जिला सचिवालय और थाना सदर में अपने बेटों को सही सलामत वापस लाने की गुहार लगाई है, और प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इंडियन एंबेसी के माध्यम से उनका रेस्क्यू किया जाए। यह घटना उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ा सबक है जो Donkey Route के माध्यम से विदेश जाने का खतरा मोल लेते हैं।
1. गलत 'डोंकी रूट' का खतरनाक सफर: स्पेन का वादा, तेहरान का टॉर्चर
Donkey Route की तलाश में निकले पवन और ऋतिक, जिन्होंने स्पेन (Spain) के बार्सिलोना (Barsoli) तक हवाई यात्रा (By Air) से जाने की योजना बनाई थी। एजेंट से उनकी बात ₹17 से ₹18 लाख में तय हुई थी, और आधे से ज्यादा पैसे पहले ही दिए जा चुके थे। घर से 22 तारीख को निकले इन युवाओं को सीधे स्पेन नहीं भेजा गया। एजेंटों ने उन्हें एक जटिल और खतरनाक रूट पर रवाना किया: करनाल से पहले उन्हें कोलकाता पहुंचाया गया, कोलकाता से थाईलैंड (बैंकॉक) की टिकट कराई गई, और थाईलैंड पहुंचने के बाद उन्हें स्पेन का स्टीकर दिया गया। इसके बाद उनका अगला पड़ाव इराक/ईरान (तेहरान) था, जहां एक या दो घंटे का स्टे बताया गया था, जिसके बाद उन्हें स्पेन के लिए निकलना था। परिजनों के अनुसार, वे तेहरान तक ही हवाई यात्रा कर पाए।
हालांकि, तेहरान पहुंचने के बाद, जब उन्होंने टैक्सी ली, तो दूसरी टैक्सी के बाद उनका परिजनों से कोई संपर्क नहीं रहा। इसके कुछ देर बाद, डोंकर्स ने सीधे परिजनों को मारपीट के वीडियो भेजना शुरू कर दिया। डोंकर्स बहुत बुरे तरीके से मारपीट कर रहे हैं और टॉर्चर कर रहे हैं। परिजनों ने बताया कि डोंकर्स कह रहे हैं कि जितना लेट करेंगे, पैसे उतने ही बढ़ते जाएंगे। एक भाई प्रवीण ने वीडियो में यह भी बताया कि मां सदमे में हैं और वे दोनों (परिवार) भी जिंदा मर गए हैं, क्योंकि बेटों से कोई बात नहीं हो पा रही है और केवल मारपीट के वीडियो ही आ रहे हैं।
यह पूरा रूट स्पष्ट रूप से Donkey Route का हिस्सा है, जहां युवाओं को ब्लैकमेल (Blackmail) किया जा रहा है। इस तरह के एजेंट फ्रॉड में फँसना युवाओं की जिंदगी को खतरे में डाल देता है, जैसा कि इस मामले में साफ दिखाई दे रहा है।
2. एजेंटों की 'चेन सिस्टम' और 17 लाख की डील का जाल
इस पूरे मामले में एजेंट फ्रॉड का एक पूरा चेन सिस्टम (Chain System) शामिल है, जिसने पवन और ऋतिक को फंसाया। परिजनों ने जिन एजेंटों के नाम बताए हैं, उनमें मनीष (बस्त का) और अंकुश जडोहा शामिल हैं। मनीष के माध्यम से ही कोलकाता वाले एजेंट से संपर्क हुआ था।
- डील की शुरुआत ₹17-18 लाख में स्पेन (बार्सिलोना) पहुंचाने के लिए हुई थी, जिसमें आधे से अधिक पैसे पहले ही दिए जा चुके थे।
- जब युवा तेहरान में फंस गए, तो परिजनों ने कोलकाता वाले एजेंट से संपर्क किया, लेकिन एजेंट ने बात करने से मना कर दिया और कहा कि पैसे देने ही पड़ेंगे, नहीं तो वे युवाओं को नहीं छोड़ेंगे।
- पहले, एजेंटों द्वारा 8-9 लाख रुपए की डिमांड की गई थी।
- हालांकि, फंसने के बाद डोंकर्स ने तुरंत डिमांड बढ़ा दी। अब वे ₹20 लाख की मांग कर रहे हैं।
परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को एजेंटों के खिलाफ शिकायत दी है। माँ और भाई ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जिन्होंने उनके बच्चों को भेजा है, उन एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें वापस बुलाया जाना चाहिए।
Donkey Route के तहत विदेश भेजने वाले एजेंट अक्सर युवाओं को गलत वीजा या स्टीकर (जैसे स्पेन का स्टीकर थाईलैंड में दिया गया था) देकर भ्रमित करते हैं और फिर उन्हें बीच के जोखिम भरे स्टॉपेज पर डोंकर्स के हवाले कर देते हैं।
3. मारपीट के वीडियो भेजकर 20 लाख की फिरौती की डिमांड
यह मामला साधारण एजेंट फ्रॉड से कहीं अधिक, फिरौती और मानवाधिकार उल्लंघन का है। दोनों युवा, पवन और ऋतिक, अब डोंकर्स की कैद में हैं, और उनकी रिहाई ₹20 लाख पर निर्भर करती है। परिजनों के पास भेजे गए वीडियो में साफ दिखाई देता है कि उन्हें बेहद बुरी तरह से पीटा जा रहा है और टॉर्चर किया जा रहा है।
पवन के भाई प्रवीण ने बताया कि डोंकर्स ने वीडियो भेजकर पैसे की मांग की है। पैसे देने के लिए पहले अंबाला, फिर चंडीगढ़ और अब लुधियाना आने को कहा जा रहा है। डोंकर्स ने यह धमकी भी दी है कि यदि पैसे देने में देरी हुई तो यह रकम बढ़ती जाएगी।
परिजनों ने अधिकारियों को शिकायत देते हुए यह भी बताया कि उनके पास उस टैक्सी का नंबर भी है, और टैक्सी की वीडियो भी है, जिसमें युवा आखिरी बार एयरपोर्ट से बाहर देखे गए थे। ये सभी सबूत प्रशासन को करनाल हरियाणा के इन युवाओं की लोकेशन और उनके रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद कर सकते हैं। परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द भारतीय दूतावास (Indian Embassy) के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करें, ताकि पवन और ऋतिक को सुरक्षित वापस लाया जा सके।
4. परिजनों का दर्द: प्रशासन और इंडियन एंबेसी से रेस्क्यू की गुहार
मां की आंखों के आंसू इस बात का अंदाजा लगाने के लिए काफी हैं कि गलत एजेंट के चक्कर में फंसना परिवारों के लिए कितना बड़ी विपदा लाता है। दोनों परिवार, जिनका बुरा हाल है, शिकायत दर्ज कराने के लिए सदर थाने पहुंचे हैं। पवन के भाई प्रवीण ने बताया कि उन्होंने एसपी ऑफिस में भी कंप्लेंट देने की कोशिश की है।
परिजनों की मुख्य मांगें और अपील:
- उनके बेटों (पवन और ऋतिक) को सही सलामत वापस लाया जाए।
- जिस भी एजेंट फ्रॉड (मनीष, अंकुश, और कोलकाता वाला एजेंट) ने उन्हें भेजा है, उनसे पूछताछ की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- इंडियन एंबेसी तक यह मैसेज पहुंचाया जाए ताकि युवाओं का रेस्क्यू किया जा सके।
यह घटना दर्शाती है कि विदेश जाने के सपने को पूरा करने की जल्दबाजी में युवा अक्सर कानूनी रास्तों की जटिलताओं से बचने के लिए Donkey Route जैसे अवैध और जानलेवा तरीकों को अपनाते हैं, जिसका फायदा लालची एजेंट उठाते हैं। सरकार और प्रशासन बार-बार अपील करते हैं कि डोंकी के माध्यम से यात्रा न करें और न ही ऐसे गलत एजेंटों के जाल में फंसे।
5. डोंकी रूट क्यों खतरनाक है? प्रशासन की बार-बार की अपील
डोंकी रूट (या डंकी रूट) का उपयोग अवैध अप्रवास (Illegal Immigration) के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर यूरोप या अमेरिका जैसे विकसित देशों में जाने के लिए अपनाया जाता है, जहां वीजा मिलना मुश्किल होता है। इस रूट में यात्रा करने वाले व्यक्ति को कई देशों की सीमाएं अवैध तरीके से पार करनी पड़ती हैं।
इस मामले के विश्लेषण से पता चलता है कि यह रूट कई मायनों में घातक है:
- ब्लैकमेलिंग और फिरौती: स्रोत में स्पष्ट है कि युवाओं को पकड़कर उनसे फिरौती (ब्लैकमेल) मांगी जा रही है। एजेंटों ने वीजा का वादा किया था, लेकिन वे तेहरान में ब्लैकमेलिंग का शिकार हो गए हैं।
- मानवीय टॉर्चर: डोंकर्स द्वारा युवाओं को बेरहमी से मारा-पीटा जा रहा है, और वीडियो भेजकर दबाव बनाया जा रहा है।
- पैसों की बर्बादी: युवाओं ने ₹17-18 लाख दिए, लेकिन अब एजेंट ₹20 लाख और मांग रहे हैं। पैसे की बर्बादी सुनिश्चित है।
- एजेंट चेन सिस्टम: एजेंट फ्रॉड एक संगठित अपराध के रूप में काम करता है (जैसे मनीष के थ्रू कोलकाता वाले एजेंट का सिस्टम)।
प्रशासन और सरकार लगातार नागरिकों से अपील करती है कि वे वैध माध्यमों का उपयोग करें और Donkey Route के खतरों को समझें। करनाल हरियाणा के इन दो युवाओं की कहानी उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो सोचते हैं कि यह विदेश जाने का आसान तरीका है।
Conclusion
करनाल के दो युवाओं, पवन और ऋतिक, का स्पेन पहुंचने का सपना ईरान के तेहरान में एक बुरे सपने में बदल गया है, जहां वे डोंकर्स द्वारा ₹20 लाख की फिरौती के लिए टॉर्चर का शिकार हो रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर Donkey Route के भयानक परिणामों को उजागर किया है। एजेंट मनीष और अन्य बिचौलियों द्वारा बनाया गया एजेंट फ्रॉड का यह जाल, जहां ₹17 लाख की डील ₹20 लाख की ब्लैकमेलिंग में बदल गई, यह साबित करता है कि अवैध रूट पर कोई सुरक्षा नहीं है। परिजनों की प्रशासन और इंडियन एंबेसी से रेस्क्यू की अपील बेहद गंभीर है, और सरकार को इस तरह के संगठित मानव तस्करी और फिरौती के मामलों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। जब तक इन एजेंटों पर लगाम नहीं लगती और विदेश जाने का आसान तरीका खोजने वाले युवाओं को जागरूक नहीं किया जाता, तब तक ऐसे करनाल हरियाणा जैसे केस सामने आते रहेंगे। यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रशासन तेजी से कार्रवाई करे ताकि दोनों युवाओं को सही सलामत वापस लाया जा सके।
FAQs (5 Q&A)
Q1: Donkey Route क्या है और पवन-ऋतिक कहाँ फंसे हैं?
A: Donkey Route अवैध तरीके से एक देश से दूसरे देश में जाने का जोखिम भरा रास्ता होता है। करनाल के युवा पवन और ऋतिक को ₹17 लाख में स्पेन भेजना तय हुआ था, लेकिन वे अब ईरान (तेहरान) में फंसे हुए हैं, जहां डोंकर्स उन्हें मार पीट रहे हैं।
Q2: एजेंट फ्रॉड में फंसे युवाओं से डोंकर्स कितनी रकम मांग रहे हैं?
A: शुरुआत में स्पेन भेजने के लिए ₹17-18 लाख की बात हुई थी, जिसमें अधिकांश पैसे दिए जा चुके थे। तेहरान में पकड़ने के बाद, डोंकर्स ने परिजनों से ₹20 लाख की फिरौती की मांग की है, और चेतावनी दी है कि देर करने पर यह राशि बढ़ जाएगी।
Q3: परिजनों ने कौन-कौन से एजेंटों के नाम बताए हैं?
A: परिजनों ने एजेंट के तौर पर मनीष (बस्त का) और अंकुश जडोहा का नाम लिया है, जो इस एजेंट फ्रॉड की चेन सिस्टम का हिस्सा हैं। कोलकाता वाला एजेंट भी इसी चेन से जुड़ा था, जो अब बात नहीं कर रहा है।
Q4: परिजन इस मामले में अब क्या अपील कर रहे हैं?
A: परिजन (मां और भाई प्रवीण) बेहद दुखी हैं और उन्होंने सदर थाने तथा एसपी ऑफिस में शिकायत दी है। उनकी मुख्य अपील यह है कि जल्द से जल्द इंडियन एंबेसी के पास मैसेज जाए ताकि ईरान से दोनों युवाओं का सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सके।
Q5: Donkey Route से विदेश जाने के क्या खतरे होते हैं?
A: Donkey Route से यात्रा करने में जान का खतरा, गंभीर शारीरिक टॉर्चर, और ब्लैकमेलिंग का खतरा होता है। इस मामले में युवाओं को ₹20 लाख की फिरौती के लिए टॉर्चर किया जा रहा है। प्रशासन बार-बार ऐसे गलत एजेंटों के चक्कर में न फंसने की अपील करता है।